PATNA : सुपर 30 के नाम पर फर्जीवाडे का आरोप झेल रहे आनंद कुमार को आज गुवाहाटी हाईकोर्ट से राहत मिल गयी. आज हाईकोर्ट ने आनंद कुमार पर लगे बेहद संगीन आरोपों को खारिज तो नहीं किया लेकिन मामले की सुनवाई बंद कर दी. जाहिर तौर पर इससे आनंद कुमार को बड़ी राहत मिली होगी.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सुनवाई बंद की
इससे पहले मामले की सुनवाई 26 नवंबर को हुई थी, जिसमें कोर्ट ने आनंद कुमार पर कड़ी नाराजगी जाहिर किया था. हाईकोर्ट ने उनके वकील से पूछा था कि आनंद कुमार को लंदन जाना है या तिहाड़ जेल ये वे खुद तय कर लें. नाराज कोर्ट ने आनंद कुमार पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद उन्हें 28 नवंबर को गुवाहाटी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने को कहा गया था. आज इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की बेंच ने 6 पेज की फाइंडिंग दी. कोर्ट ने कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट से मामले की मॉनिटरिंग नहीं की जा सकती है. ये मामला गुवाहाटी हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर का है. हाईकोर्ट ने आनंद कुमार के खिलाफ याचिका दायर करने वाले छात्रों को पटना हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए सुनवाई बंद करने का आदेश दिया.
आनंद कुमार पर लगे हैं बेहद संगीन आरोप
पिछले साल ही गुवाहाटी IIT के 4 छात्र अवनाश बारोस विकास दास, धनीराम ताऊ और मनजीत डोले ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. छात्रों ने आनंद कुमार पर ठगी का आरोप लगाते हुए कहा था वे सुपर 30 के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. 2018 की आईआईटी प्रवेश परीक्षा में आनंद कुमार ने सुपर 30 के 26 छात्रों की सफलता का दावा किया था. लेकिन उनके नाम नहीं बताये. छात्रों का आरोप था कि आनंद कुमार ने पूरी तरह से फर्जी दावा किया.
आनंद पर 11 साल से फर्जीवाड़े का आरोप
छात्रों की य़ाचिका में कहा गया है आनंद कुमार पिछले 11 सालों से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. सुपर 30 में प्रवेश के नाम पर देश भर के छात्रों को बुलाया जाता है और उन्हें आनंद कुमार के कोचिंग रामानुजम इंस्टीच्यूट में भर्ती करा दिया जाता है. छात्रों से 30-30 हजार की फीस भी वसूली जाती है. 2008 से ही आनंद कुमार सुपर 30 का संचालन नहीं कर रहे हैं लेकिन हर साल आईआईटी प्रवेश परीक्षा की रिजल्ट के बाद छात्रों की लिस्ट लेकर सामने आ जाते हैं. ये रामानुजम इंस्टीच्यूट के छात्र होते हैं. छात्रों ने कहा कि आनंद कुमार ने कभी सुपर 30 के छात्रों की लिस्ट नहीं जारी की.
कोर्ट ने आनंद कुमार पर लगे बेहद गंभीर आरोपों को खारिज नहीं किया. लेकिन मामले को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर का बताया. दरअसल मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को जांच से लेकर दूसरे कई आदेश देने पड़ते. गुवाहाटी से उनकी मॉनिटरिंग करना संभव नहीं हो पाता. लिहाजा छात्रों को पटना हाईकोर्ट जाने की सलाह दी गयी.