PATNA : मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आज एक बार फिर अफसरशाही को लेकर शिकायतों की भरमार रही। सबसे दिलचस्प मामला सुपौल जिले के डीएम के खिलाफ आया। सुपौल से आए एक फरियादी अपने साथ 51 आरोपों की पोटली लेकर आया। फरियादी ने नीतीश कुमार के सामने बैठते ही आरोप लगाया कि सुपौल जिले में जबरदस्त भ्रष्टाचार है। जिले के डीएम इन भ्रष्टाचारों को बढ़ावा दे रहे हैं।
सुपौल जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री के सामने आरोप लगाया कि जिले के डीएम भ्रष्टाचार के क्रियाकलाप में लिप्त हैं। उनके खिलाफ तो कई तरह की शिकायतें 1 साल से वह कर रहे हैं। मुख्य सचिव के सामने भी शिकायत की गई और मुख्यमंत्री कार्यालय में भी लेकिन डीएम साहब के ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। फरियादी ने आरोप लगाया कि डीएम के क्रियाकलाप से सरकार की बदनामी हो रही है।
फरियादी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने 51 ऐसे मामलों की सूची सौंपी जो भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं। फरियादी ने आरोप लगाया कि यह मामले उनके व्यक्तिगत नहीं बल्कि जिले से संबंधित है। जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़ी योजना में घोटाला किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में भी जिले में जबरदस्त गड़बड़ी का आरोप फरियादी ने लगाया। इतना ही नहीं तालिमी मरकज घोटाले का भी आरोप डीएम के ऊपर लगाया गया है।
फरियादी ने आरोप लगाया कि डीएम के खिलाफ जो भी शिकायतें की गई है। उस मामले में जांच कमेटी का गठन तो होता है लेकिन फलाफल कुछ भी नहीं आता। मुख्यमंत्री ने तत्काल इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस मामले को सामान्य प्रशासन विभाग देखेगा।