सुपौल : सरकार का दावा हुआ फेल, सड़क नहीं होने के कारण एसडीओ को करनी पड़ी घोड़े की सवारी

सुपौल : सरकार का दावा हुआ फेल, सड़क नहीं होने के कारण एसडीओ को करनी पड़ी घोड़े की सवारी

SUPAUL : सरकार बिहार में सड़कों का जाल बिछाने का दावा करते नहीं थकती है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। हर गांव और टोले तक सड़क पहुंचाने का दावा पेश करनेवाली राज्य सरकार के अधिकारी ही हकीकत बयां रहे हैं।


मामला सुपौल के त्रिवेणीगंज के सुदूर इलाके का है, जहां सड़क नहीं होने के कारण त्रिवेणीगंज एसडीओ को जमीन अधिग्रहित जमीन को मुक्त कराने के लिए घोड़े पर सवार होकर जाना पड़ा। खुद त्रिवेणीगंज एसडीओ एस जेड हसन ने कहा कि सुदूर इलाका है,यहां गाड़ी नहीं पहुंच सकती इसलिए घोड़े से आना पड़ा।


एसडीओ ने कहा कि उक्त इलाके से सुपौल-अररिया नई रेल लाइन गुजरेगी। लतौना गांव के लोगों ने बिहार सरकार की 35 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। ग्रामीण सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं या घर बनाकर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी लोगों को जमीन के कागजात जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।


बताते चलें कि त्रिवेणीगंज एसडीओ एस जेड हसन की घुड़सवारी की चर्चा पहले भी होती रही है। कभी सुबह सवेरे एसडीओ साहब घोड़े पर सवार होकर आर्मी बहाली की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच मैदान में टिप्स देने पहुंच जाते हैं तो कभी रेलवे की जमीन को खाली कराने के लिए घोड़े पर सवार होकर पहुंच जाते हैं। इस दौरान घोड़े पर सवार एसडीओ ने खेतों में जाकर लोगों से कहा कि वे अपनी जमीन के कागजात गांव में लगे कैंप में जमा करें।