PATNA: बाहुबली पूर्व विधायक सुनील पांडेय रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पूर्व विधायक और उनके बेटे को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। सुनील पांडेय के बीजेपी में शामिल होने के बाद इसको लेकर सिसासत शुरू हो गई है। विरोधियों ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय समेत पटना की सड़कों पर सुनील पांडेय के आपराधिक इतिहास से जुड़ा पोस्टर लगाकर बीजेपी को आईना दिखाने की कोशिश की है।
दरअसल, पूर्व विधायक सुनील पांडेय का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। साल 2006 में पटना के एएसपी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सुनील पांडेय को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद सुनील पांडेय पशुपति कुमार पारस की पार्टी में शामिल हो गए थे लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय लोजपा छोड़ दिया था और किसी सुरक्षित राजनीतिक ठिकाने की तलाश में थे और रविवार को बीजेपी में शामिल हो गए।
सुनील पांडेय के बीजेपी में शामिल होने के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी दफ्तर के बाहर और बीरचंद पटेल पथ में जगह-जगह सुनील पांडेय की आपराधिक इतिहास को लेकर पंपलेट और पोस्टर कई जगहों पर लगाए गए हैं। बीजेपी दफ्तर के बाहर मुख्य गेट के बाहर भी पोस्ट लगाया गया था। जिसे हटवाया दिया गया है। विरोधियों द्वारा लगाए गए पोस्टर में सुनील पांडेय पर लगे आरोपों को बताया गया है।
पोस्टर में सुनील पांडेय की तस्वीर के साथ उन्हें आरा सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट का आरोपी, सिलु मियां का हत्यारा, ब्रह्मेश्वर मुखिया का हत्यारा, हथियार तस्कर, बैंक लूटपाट, करीबी दोस्तों का हत्यारा बताते हुए लिखा गया है कि कई मामलो के आरोपी और हत्यारा माफिया खूंखार सुनील पांडेय भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
पटना से शैलेन्द्र पांडेय की रिपोर्ट..