ब्रेकिंग न्यूज़

Home Minister Bihar : गृह मंत्री सम्राट चौधरी का तीन महीने का अल्टीमेटम, DGP को मिले 5 बड़े टारगेट; पढ़िए क्या है पूरी खबर Patna news: पटना में ऑटो स्टैंड और वेंडरों की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, नगर आयुक्त और DM-SSP ने किया निरीक्षण; दिए यह निर्देश Patna news: पटना में ऑटो स्टैंड और वेंडरों की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, नगर आयुक्त और DM-SSP ने किया निरीक्षण; दिए यह निर्देश बिहार में नए साल के जश्न की तैयारी: ट्रक से 50 लाख से अधिक की शराब बरामद, सड़े हुए आलू में छिपाकर रखी थी बड़ी खेप बिहार में नए साल के जश्न की तैयारी: ट्रक से 50 लाख से अधिक की शराब बरामद, सड़े हुए आलू में छिपाकर रखी थी बड़ी खेप Patna tourism : पटना के मरीन ड्राइव पर दिखेगा बदला नजारा,पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा नया आयाम JDU leader arrest : नचनिया के ठुमके पर हर्ष फायरिंग, शादी में युवक घायल; जदयू नेता को पुलिस ने हिरासत में लिया Bihar Police Conference: सीमांचल में राज्य स्तरीय पुलिस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां तेज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं शामिल Bihar Police Conference: सीमांचल में राज्य स्तरीय पुलिस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां तेज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं शामिल Bihar revenue officers : फर्जी दफ्तर खुलवाकर वसूली कराने वाले CO- कर्मचारी हो जाएं सावधान, अब अंचल अधिकारियों को लिखित में देना होगा...उनके यहां नहीं चल रहा निजी कार्यालय

सरकारी नौकरी की तलाश में गरीब किसान का बेटा गांव से आया दिल्ली, पहले कांस्टेबल फिर 8 साल बाद बन गया IPS

1st Bihar Published by: Updated Fri, 17 Jan 2020 11:54:30 AM IST

सरकारी नौकरी की तलाश में गरीब किसान का बेटा गांव से आया दिल्ली, पहले कांस्टेबल फिर 8 साल बाद बन गया IPS

- फ़ोटो

DESK : आईपीएस अफसर विजय सिंह गुर्जर की IPS बनने की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणास्रोत है यो हिम्मत हार कर पिछे हट जाते हैं या जो नौकरी और सेटल होने पर अपनी सोच भर में सीमित हो जाते हैं. हर उस युवा को IPS विजय सिंह गुर्जर से सिखने की जरुरत है.

विजय सिंह गुर्जर राजस्थान के एक पिछड़े गांव के किसान परिवार के घर में पैदा हुए. पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर के विजय को  उनके पिता ने उन्हें संस्कृत विषय में शास्त्री की पढ़ाई कराई ताकि वो सरकारी टीचर बन जाएं और घर का खर्चा आसानी से पुरा हो जाए. लेकिन विजय शुरू से ही टीचर नहीं बनना चाहते थे, वे IPS में जाना चाहते थे. गांव में विजय पिता के साथ सुबह चार से आठ बजे तक फसल कटाई में हाथ बंटाने के अलावा गर्मियां ऊंटों को जुताई के लिए ट्रेंड करते थे. जिन्हें ट्रेंड होने के बाद पिता पुष्कर मेले में जाकर बेच आते थे. घर के आर्थ‍िक हालात ऐसे नहीं थे कि बहुत अच्छे कॉलेज में पढ़ सकें. 

इसी बीच दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती निकली और विजय को इसका पता चला. फिर विजय के एक दोस्त ने हेल्प की और वे दिल्ली आ गए. एक महीने कांस्टेबल की तैयारी की, पेपर दिया तो 100 में 89 सही थे और उनका रीजल्ट आ गया. उसके बाद उन्होंने जून 2010 में कांस्टेबल के पद पर दिल्ली पुलिस में ज्वाइन कर लिया. लेकिन उसके बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और फिर उनका सब इंस्पेक्टर का भी रिजल्ट आ गया. इसी दौरान विजय ने एक दिन कांस्टेबल की ड्यूटी के दौरान दिल्ली में एक डीसीपी के काम और जिम्मेदारी को देखा तो वे उनकी तरह बनने की सोचने लगे. लेकिन मन में हिम्मत नहीं थी. एक बार उन्होंने नेट पर इस बारे में टॉपर्स की राय सुनी और उस आधार पर तैयारी करने लगा. तभी एसएससी सीजीएल का भी परीक्षा दिया और उसका रिजल्ट आने के बाद कस्टम अफसर के तौर पर ज्वाइन किया. उसके बाद जॉब बदलने का सिलसिला जारी हुआ और 2014 में इनकम टैक्स में ज्वाइन कर लिया. उसके बाद 3 बार UPSC प्रीलिम्स नहीं कर पाए. फिर भी हिम्मत नहीं हारी और 2016 में मेन्स निकाल लिया, लेकिन इंटरव्यू में 9 से 10 नंबर से रह गया. उसके बाद 2017 के रिजल्ट में यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सफलता मिली और उन्होंने 547वीं रैंक हासिल की और विजय को आईपीएस कैडर मिला.