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1st Bihar Published by: ASMEET SINHA Updated Tue, 29 Jun 2021 11:58:48 AM IST
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PATNA: शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर STET अभ्यर्थियों ने आज जमकर प्रदर्शन किया। रिजल्ट में धांधली का भी आरोप लगाते हुए पटना की सड़कों पर उतरे अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री विजय चौधरी के आवास का घेराव किया। इस दौरान अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे। पटना के इको पार्ट के पास भारी संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर उतर गये जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हो गया। इस दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों को आगे बढ़ने से रोका लेकिन जब वे मानने को तैयार नहीं हुए तब पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज कर दिया। जिसके कारण अफरा-तफरी मच गयी। मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया और लाठी-डंडे से पिटाई कर दी। वही प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार भी दौड़े और अचानक गिर पड़े जिससे वे घायल हो गये हैं।
प्रदर्शन कर रहे एसटीईटी अभ्यर्थियों ने कहा कि जिन्हें शिक्षक के तौर पर स्कूल में होना चाहिए वे आज सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं। हम अपना अधिकार मांग रहे हैं जो मिलना चाहिए। वे शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से मिलने आए हैं। उनसे मिलकर वे अपनी बातों को रखेंगे और नियुक्ति की मांग करेंगे। बीते दिनों शिक्षा मंत्री ने खुद कहा था कि सभी की नियुक्त होगी लेकिन अब ऐसा क्यों किया जा रहा है। अपनी मांगों को लेकर हमलोग पटना की सड़कों पर उतरे हैं और आंदोलन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने एसटीईटी रिजल्ट को बदले जाने की भी बात कहते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष और शिक्षा विभाग के सचिव से इस्तीफे की मांग की। अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि उनकी जल्द बहाली नहीं की गयी तो वे आत्मदाह करने को विवश होंगे। उन्हें आश्वासन नहीं बल्कि नौकरी चाहिए।
एसटीईटी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद महिला अभ्यर्थी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी से मिलने पहुंची। डिप्टी सीएम के आवास के बाहर एसटीईटी की महिला अभ्यर्थियों ने घंटों इंतजार किया। अभ्यर्थियों ने बताया कि महिलाओं को 45 प्रतिशत पर क्वालिफाइ करने की बात कही गयी थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। महिला अभ्यर्थियों ने सरकार से न्याय की मांग की। अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार बोर्ड की गलतियों का खामियाजा आज उन्हें भुगतना पड़ रहा है। आए दिन सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। जबकि आश्वासन से अब काम नहीं चलेगा। इस मामले को गंभीरता से लेना होगा। एक ओर जहां महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण की बात की जाती है वही इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। सीएम नीतीश कुमार महिला आरक्षण की बात करते है लेकिन महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है। महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।