1st Bihar Published by: AKASH KUMAR Updated Sun, 30 Jan 2022 08:45:41 AM IST
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AURANGABAD : बिहार में पीले सोने का काला खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पीले सोने यानी बालू की अवैध निकासी, ओवरलोडिंग और वसूली का खेल आज भी दिन के उजाले में धड़ल्ले से जारी है। यकीन नहीं हो तो ये तस्वीरे देख लीजिए। तस्वीरों में साफ देख सकते है कि ट्रैक्टरों से कैसे बालू की ओवरलोड ढुलाई हो रही है और कैसे पुलिस इनसे उगाही करने में लगी है।
दरअसल, ये तस्वीरें बिहार के औरंगाबाद जिले में बारूण थाना क्षेत्र में स्थित केशव घाट की है। तस्वीरों में इस घाट से बालू लेकर निकल रहे हर ट्रैक्टर से पुलिस रूपयों की दनादन वसूली करने में लगी है। यदि पूरे दिन के हिसाब से गणना की जाएं तो प्रतिदिन वसूल की जाने वाली रकम लाखों में होगी। जानकार सूत्रों का दावा है कि बारूण थाना क्षेत्र में हर बालू घाट से प्रति ट्रैक्टर पांच सौ रुपये की अवैध वसूली की प्रति ट्रिप की जाती है।
इस काम को अंजाम देने के लिए बारूण थानाध्यक्ष धनंजय शर्मा द्वारा बालू घाटों पर अपने चहेते पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जो पूरे दिन हर घाट पर ट्रैक्टरों से प्रति ट्रिप अवैध वसूली किया करते है, जिससे पूरे दिन की होने वाली कुल काली कमाई लाखों में होती है और इसमें थाने के सभी संबंधित लोगो की हिस्सेदारी हुआ करती है। केशव घाट की यह तस्वीर तो महज बानगी भर है। इसके अलावा कई अन्य बालू घाटों पर भी इसी तरह की अवैध वसूली पुलिस के लिए रोजमर्रा की कमाई का साधन है।
गौरतलब है कि पीला सोना यानि बालू के खेल में औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका, एसडीपीओ अनूप कुमार और डीटीओ अनील कमार सिंहा तक पहले नप चुके है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध इकाई भी इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। इनके पास पीले सोने से हुई काली कमाई से बनी अकूत संपत्ति का भी खुलासा हो चुका है। इतना कुछ होने के बावजूद औरंगाबाद जिले में बालू से अवैध कमाई का खेल बदस्तूर जारी है। इतना तक कि खेल खेलने वालो को सुशासन की सरकार का भी कोई खौफ नही है। ऐसे में जबतक सरकार और औरंगाबाद पुलिस प्रशासन के मुखिया सख्ततम कदम नही उठाएंगे तब तक यह खेल जारी रहेगा।