सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, 50 से ज्यादा अन्नदाताओं की गई जान, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा

सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, 50 से ज्यादा अन्नदाताओं की गई जान, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा

DESK : नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान 40 दिनों से डटे हुए हैं. विपक्ष भी केंद्र सरकार से कृषि कानून रद्द करने की मांग कर  रही है. आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है.

सोनिया गांधी ने कहा कि 'कंपकपाती ठंड और बरसात में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है. आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं. कुछ ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया. लेकिन बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला.'

'आजादी के बाद देश के इतिहास की यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा. लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है.अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले, ठंड और बरसात में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन खत्म कराए. यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी. उन्होंने आगे कहा, मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता और किसान-मजदूर हितों की रक्षा करना है'.