DESK: 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने का आह्वान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया है। आज विपक्षी दलों के साथ वर्चुअल मीटिंग में उन्होंने कई बातें कही। सोनियां ने कहा कि यह विपक्षी दलों के एकजुट होने समय है। इस दौरान कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ सोनिया गांधी ने वर्चुअल मीटिंग की। इस दौरान संसद के मॉनसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे भरोसा है कि संसद के आगे के सत्रों में भी विपक्षी एकजुटता बनी रहेगी। इस दौरान विपक्षी पार्टियों की वर्चुअल मिटिंग में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। उन्होंने भी अपनी बातें रखी। बैठक के दौरान तेजस्वी यादव ने यह कहा कि विपक्ष के सभी दल जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाए। यूपीए ने 2011 की जनगणना में आर्थिक शैक्षणिक जातीय गणना के आंकड़े इकट्ठे करवाए लेकिन भाजपा सरकार ने उन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया। विपक्ष को जातीय जनगणना पर एक होकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण मुद्दा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बैठक के दौरान यह कहा कि महंगाई, बेरोज़गारी और सरकार की जनविरोधी नीतियों से मध्यम वर्ग त्रस्त है। राजद ने चुनाव नतीजों के बाद से ही किसानों, मज़दूरों, बेरोजगारों, महंगाई और जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से लेकर सदन और संसद तक प्रदर्शन किया है।
विपक्ष को सड़क पर आना ही होगा। जीत-हार चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष को अगले चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। चुनाव से चंद दिन पहले ही गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। जो भी गठबंधन और उससे संबंधित सहमति हो, वह तय समय सीमा में चुनाव से पूर्व ही बने। विपक्ष के पास असंख्यक मुद्दे है लेकिन हम मुद्दों को लोगों की नाराज़गी के अनुपात में भुना नहीं पा रहे है।
विपक्ष में निरंतर संवाद की कमी है। राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ राज्य स्तर पर विपक्ष का साँझा कार्यक्रम तय होना चाहिए। विपक्ष को एक विकल्प पेश करना चाहिए कि हम सब साथ है। क्या हमारा कार्यक्रम है। क्या हमारी योजना और विजन है। जिन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियाँ मजबूत है। उन्हें वहाँ ड्राइविंग सीट पर बैठाना चाहिए।
वही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ''निश्चित तौर पर (हमारा) लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है। हमें देश को एक ऐसी सरकार देने के उद्देश्य के साथ व्यवस्थिति ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करनी है कि जो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करती हो।'' उन्होंने विपक्षी दलों का आह्वान किया, ''यह एक चुनौती है, लेकिन हम साथ मिलकर इससे पार पा सकते हैं और अवश्य पाएंगे क्योंकि मिलकर काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन अब समय आ गया है जब राष्ट्र हित यह मांग करता है कि हम इन विवशताओं से ऊपर उठें।''