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सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइन्स जारी, अब सख्त होंगे नियम,आपत्तिजनक सामग्री और हिंसा मंजूर नहीं

1st Bihar Published by: Updated Thu, 25 Feb 2021 02:07:35 PM IST

सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइन्स जारी, अब सख्त होंगे नियम,आपत्तिजनक सामग्री और हिंसा मंजूर नहीं

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DESK : सोशल मीडिया के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलान्स जारी कर दिया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए  सोशल मीडिया कम्पनियों के लिए नियमों में बदलाव और इंटरमीडियरी जवाबदेही पर नए दिशा निर्देशों का एलान कर दिया है.

रविशंकर प्रसाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सोशल मीडिया पर गलत भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन अब सरकार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री और हिंसा को मंजूरी नहीं देगी. इसके लिए सरकार ने एक गाइडलाइन्स जारी किया है और उसे अब सोशल मीडिया को फॉलो करना पड़ेगा. सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर भी शिकायत का भी फोरम होना चाहिए

रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के यूजर 40 करोड़ से अधिक, ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर हैं. सरकार ने यह देखा है कि लोग हिंसा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है. अब सोशल मीडिया पर तीन स्तर पर निगरानी होगी. कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी, जो शिकायतों का निपटारा करेगा. कंपनियों को महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटों के अंदर हटाने होंगे. कंपनियों को नियमों का पालन करने पर हर महीने सरकार को रिपोर्ट देनी होगी. इसके साथ ही किस ने सबसे पहले आपत्तिजनक पोस्ट डाली, उसके बारे में सरकार को बताना पड़ेगा. इसके लिए सोशल मीडिया को तीन महीनों का समय दिया गया है. तीन महिनों के अंदर उन्हें नियमों का पालन करना होगा.

OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन्स जारी करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियमों का पालन करना होता है, लेकिन OTT और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नियम नहीं हैं. लेकिन अब सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अब एक नियम हो. हमें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नियम बनाने को लेकर हर दिन सैकड़ों पत्र मिल रहे हैं. हमने ओटीटी प्लेटफॉर्म को सेल्फ रेगुलेशन की बात कही थी, लेकिन वो नहीं हो पाया था. 

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं. इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा, इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति हेड करेंगे. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी.