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1st Bihar Published by: Updated Fri, 02 Jul 2021 08:02:13 AM IST
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PATNA : बीते कई सालों से पटना के लोग स्मार्ट सिटी का सपना देखते आ रहे हैं। शुरूआत में अच्छा लगने वाला यह सपना अब डरावना दिखने लगा है। पटना स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में लगातार नीचे होता जा रहा है। स्मार्ट सिटी के लिस्ट में शामिल होने के बावजूद पटना में आज तक उम्मीद के मुताबिक काम भी नहीं हो पाया है। देश की 100 स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में पटना एक बार फिर नीचे फिसल कर 62 वें स्थान पर पहुंच गया है। साल की शुरुआत में पटना 38वें स्थान पर था लेकिन स्मार्ट सिटी की योजनाओं का जमीन पर नहीं उतरना अब उसके पिछड़ने की वजह बन चुका है।
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 100 में से केवल 32.57 अंक मिले। 5 अप्रैल को जारी रैंकिंग में पटना 29वें नंबर पर आ गया था लेकिन 25 जून को जारी किए गए स्मार्ट सिटी अवार्ड के बाद आई रैंकिंग में पटना काफी पिछड़ चुका है। 5 अप्रैल को जारी रैंकिंग में भागलपुर 53वें बिहारशरीफ 54वें और मुजफ्फरपुर 81वें में स्थान पर था लेकिन अब यह शहर भी काफी पिछड़ चुके हैं। बिहारशरीफ अब 70वें, भागलपुर 91वें और मुजफ्फरपुर 99वें नंबर पर है। इस रैंकिंग में पटना समेत बिहार के अन्य शहरों के अंदर आयी गिरावट के पीछे एक सबसे बड़ी वजह समय परियोजनाओं का नहीं पूरा होना है। स्मार्ट सिटी के लिए योजनाओं की लंबी-चौड़ी घोषणा तो कर दी गई लेकिन जमीन पर अमल नहीं हो रहा है।
पिछले दिनों पटना की मेयर सीता साहू स्मार्ट सिटी योजनाओं को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। स्मार्ट सिटी की बैठक में मेयर ने आरोप लगाया था कि योजनाओं पर काम सही तरीके से नहीं चल रहा है और इसी वजह से रैंकिंग खराब हो रही है। मेयर पहले ही कह चुकी हैं कि जिन योजनाओं की शुरुआत पटना में की गई उन्हें समय पर पूरा किया जाना चाहिए। हकीकत यह है कि पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर पिछले 4 साल में तकरीबन 380 करोड़ रुपए मिले हैं। इनमें से केवल 131 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए। केवल 2 योजनाओं गांधी मैदान में मेगा स्क्रीन प्रोजेक्ट और वीरचंद पटेल पथ पुनर्विकास योजना को छोड़ दिया जाए तो बाकी कई योजनाएं अभी लटकी हुई हैं। पटना के अदालतगंज तालाब पुनर्विकास योजना, इंटरमीडिएट पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्टैंड, इंटेलिजेंट सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट योजना का काम पूरा नहीं हो सका है।