PATNA : कोरोना महामारी इस वक्त पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है. इंडिया में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पिछले दो दिनों में भारत में लगभग 2 हजार मरीज सामने आये हैं, जबकि 70 से ज्यादा मरीजों ने इस जानलेवा बीमारी के कारण दम तोड़ दिया है. इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां बिहार में 5वें जांच केंद्र की शुरुआत हो गई है. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में कोरोना की टेस्ट की शुरुआत आज से होने वाली है.
आज से SKMCH में जांच शुरू
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से एक बड़ी जानकारी साझा की गई है. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ विरोलॉजी पुणे की ओर से मुजफ्फरपुर के एसकेमसीएच में कोरोना जांच की शुरुआत करने की इजाजत मिल गई है. प्रधान सचिव ने बताया कि आज से ही आरटी-पीसीआर की टेस्टिंग शुरू की जाएगी.
कल हुई थी बैठक
इससे पहले कोरोना संकट के बीच सीएम नीतीश ने बिहार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों समेत कई अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम ने मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में जल्द ही कोरोना टेस्टिंग की शुरुआत करने के सख्त निर्देश दिये थे. इस बैठक के एक दिन बाद ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह बड़ी जानकारी साझा की गई.
बिहार के 4 केंद्रों पर हो रही जांच
बिहार में फिलहाल 4 जगहों पर ही कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है. आरएमआरआई, आईजीआईएमएस, डीएमसीएच के साथ-साथ पीएमसीएच में भी कोरोना की जांच की जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने अफसरों से कहा कि उन्हें जानकारी दी गई है कि मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में जांच की अनुमति दे दी गई है. इसे जल्द शुरू किया जाये.
इमरजेंसी और ओपीडी होगी शुरू
सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के साथ-साथ अन्य बीमारियों की भी इलाज शुरू की जाये. जिला और अनुमंडलीय अस्पतालों में आम रोगियों की भी इलाज की जाये. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि सबसे पहले आपातकालीन सेवा शुरू करने की योजना है. इसके बाद ओपीडी सेवा भी शुरू कर दी जाएगी, ताकि आम मरीजों को भी कोई दिक्कत ना हो. सीएम ने कहा कि जिला और अनुमंडलीय अस्पतालों में प्रोटेक्शन नॉमर्स का भी ख्याल रखा जाये. पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स उपलब्ध हों. मरीजों के लिए एम्बुलेंस की सेवा को लेकर भी सीएम ने सख्त निर्देश दिया.
जापानी बुखार के लिए सरकार तैयार
सीएम नीतीश ने कहा कि जापानी बुखार और AES से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी की जाये. पीकू अस्पतालों को बिना देर किये इलाज के लिए तैयार किया जाये. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जेई के पूर्ण टीकाकरण का कार्य आरंभ होना चाहिए और इस काम में लगाए जाने वाले स्वास्थकर्मियों की भी सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा जाये.