SIWAN: सिवान के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में बुरी तरह हारे जदयू उम्मीदवार अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह ने कहा है कि चुनाव में भाजपा ने उनके पति का साथ नहीं दिया. सिवान से सांसद कविता सिंह ने कहा कि दरौंदा में कहीं भी जदयू-भाजपा का गठबंधन नजर नहीं आया. बड़े नेता आकर भाषण देकर चले गये लेकिन स्थानीय नेताओं ने उनकी बात नहीं सुनी.
क्या बोली कविता सिंह
कविता सिंह ने कहा कि दरौंदा में कर्णवीर सिंह उर्फ व्यास सिंह एनडीए के नाम पर ही चुनाव लड़ रहे थे. जनता ने उनके पति अजय सिंह को वोट न देकर व्यास सिंह को वोट दे दिया. भाजपा के नेताओं ने अजय सिंह के बजाय व्यास सिंह का साथ दिया. भाजपा के बड़े नेता आये और बोल कर चले गये. लेकिन स्थानीय नेताओं ने उनकी बात नहीं मानी. वैसे भी इस क्षेत्र में एनडीए की ही जीत हुई है. वे देखेंगी कि किन कारणों से उनके पति की हार हुई. दरौंदा उप चुनाव में जदयू के उम्मीदवार अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह सिवान से सांसद हैं. कविता सिंह दरौंदा से विधायक हुआ करती थी.सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया जिसके बाद दरौंदा में उप चुनाव हुआ.
अजय सिंह का 14 साल का वर्चस्व टूटा
दरअसल उपचुनाव में हार के साथ ही इस क्षेत्र पर 14 साल से चला आ रहा बाहुबली अजय सिंह का वर्चस्व खत्म हो गया. 2005 में जब ये क्षेत्र रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था तो अजय सिंह ने अपनी मां जगमातो देवी को जदयू का टिकट दिलवाया था. घरेलू महिला जगमातो देवी की पहचान सिर्फ इतनी थी कि वो ढ़ाई दर्जन से ज्यादा संगीन आपराधिक मामलों के आरोपी अजय सिंह की मां थीं. अजय सिंह ने अपनी मां को जीत भी दिला दी. 2010 में ये क्षेत्र दरौंदा विधानसभा क्षेत्र बना तो जगमातो देवी फिर से विधायक चुनी गयीं. 2011 में जगमातो देवी के निधन के बाद जब फिर उप चुनाव होने की नौबत आयी तो अजय सिंह ने पितृपक्ष में शादी कर अपनी पत्नी कविता सिंह को उम्मीदवार बनवाया. कविता सिंह ने 2011 और 2015 के विधानसभा चुनाव में दरौंदा से जीत हासिल की. जदयू में अजय सिंह का रूतबा इतना बड़ा था कि भाजपा के सीटिंग सांसद का सीट काटकर जदयू ने कविता सिंह को सिवान से संसदीय चुनाव में उम्मीदवार बनाया. लेकिन इस उपचुनाव में 14 सालों से चला आ रहा अजय सिंह का वर्चस्व समाप्त हो गया.