Patna University: पटना यूनिवर्सिटी में आपको भी लेना है एडमिशन तो नोट कर लें यह डेट, जारी किया कैलेंडर Bihar Election 2025 : एक घंटे तक तेजस्वी और राहुल -खड़गे में हुई बातचीत,आखिर क्यों नहीं बन रही सहमति; पढ़िए यह खबर BIHAR NEWS: पटना जेपी पथ में आई दरार पर NIT का आया रिपोर्ट, जानिए जांच के बाद क्या मिला आदेश Bihar Rain Alert: आंधी-बारिश से पूरे बिहार की हवा हुई साफ, आज इन जिलों में अलर्ट जारी रिलायंस कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, एक ही परिवार के 9 सदस्यों को महाराष्ट्र से लाकर जमुई में छोड़ा बेगूसराय में युवक की पीट-पीटकर हत्या, सैंतालीस छप्पन गैंग पर मर्डर का आरोप बेलहा मुसहरी टोला में पूर्व विधायक ने किया भोजन, आजादी के 75 सालों बाद भी दलित बस्तियों में सड़क ना होना शर्मनाक: किशोर कुमार Bihar politics jansuraj: दलित टोले की बदहाली पर फूटा पूर्व विधायक और जन सुराज नेता का गुस्सा ..."क्या अमृत महोत्सव इन गरीबों के लिए भी है?" बारात आने से पहले आशिक के साथ भागी दुल्हन, मेकअप कराने गई थी ब्यूटी पार्लर, सुनकर दूल्हे की हालत बिगड़ी Bihar politics: बिहार को पश्चिम बंगाल की राह पर ले जाना चाहते हैं राहुल और तेजस्वी...पूर्व कांग्रेस नेता का गंभीर आरोप!
06-Jul-2021 07:13 PM
By SAURABH KUMAR
SITAMARHI: बागमती नदी पूरे उफान पर है। कई गांवों में नदी का पानी घुस गया है। करीब आधा दर्जन गांव बाढ़ प्रभावित हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर लगातार बारिश और नेपाल से आने वाले पानी के कारण बागमती नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। बढ़े पानी की वजह से इलाके के लोग काफी परेशान हैं। गांव से किसी को बाहर जाना हो या मरीज को इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर जाना हो नाव ही लोगों के लिए एकमात्र सहारा है। जिसके जरिये लोग आवागमन करते हैं। सैलाब के बीच नाव पर अस्पताल ले जा रहे मरीज को देखिए। चारपाई पर लेटे मरीज की यह तस्वीर सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर की है।
सीतामढ़ी में बाढ़ की विभीषिका अब विकराल रुप धारण कर चुकी है। सैदपुर प्रखंड के खड़का पंचायत के बरौनी गांव में बाढ़ से घिरे लोगों को अस्पताल जाने तक के लिए कोई सुविधा नही है। नाव के ऊपर बीच पानी की धार में खटिया पर सोये इस बुजुर्ग का नाम बलदेव महतो है। जिनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद परिजनों ने उन्हें चारपाई सहित नाव पर चढ़ाया और इलाज के लिए सैदपुर के लिए रवाना हुए।
बागमती तटबंध के भीतर बसे गांव के लोगों के लिए हर साल ऐसी ही स्थिति बनी रहती है। वही सरकारी स्तर पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। दशकों से लोगों की यहां इसी तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। बारिश के दिनों में बाढ़ आने के बाद नारकीय स्थिति में जीना इनकी मजबुरी है।
स्थानीय मुखिया की माने तो वर्षों से हालात यही है यहां लगातार पुल की मांग की जाती रही है लेकिन अबतक किसी ने यहां के लोगों की इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। इनकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा। बरसात के बाद स्थानीय लोगों की मदद से यहां आने लायक सड़क का निर्माण कराया जाता है।
वृद्ध मरीज के परिजनों ने बताया कि रात से ही तबीयत ख़राब है लेकिन कोई साधन नहीं होने के कारण जैसे-तैसे चारपाई के सहारे नाव तक लाया गया और नाव के जरिए इन्हे स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे है। मदन ने बताया कि रात से ही तबीयत खराब है गांव में दवा और इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।
परिजनों ने बताया कि बाढ़ के कारण भारी परेशानी हो रही है। चारपाई के सहारे तटबंध तक आए है। तटबंध से एम्बुलेंस के लिए फोन किया लेकिन मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा है। घर तक यातायात की कोई सुविधा नहीं है। गांव के नजदीक हॉस्पिटल की व्यवस्था नहीं है। किसी तरह खटिया पर लादकर वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के बाद मरीज की तबीयत और बिगड़ गयी जिसे देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें एसकेएमसीएच रेफर कर दिया।