PATNA : बिहार कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहे शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को शपथ ग्रहण के तीसरे दिन और विभागीय कार्यभार संभालने के तीन घंटे बाद ही इस्तीफा देना पड़ा. इसे लेकर नीतीश कुमार की जमकर किरकिरी हुई. विपक्ष ने उन्हें निशाने पर लेते हुए जमकर हमला बोला और कहा कि पहले मंत्री बनाओं और फिर इस्तीफा लो...ये सिर्फ दिखावे के लिए किया गया है.
हम आपको बता दें की मेवालाल नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री नहीं हैं. आरोपों की वजह से उनके मंत्रिमंडल में शामिल आधा दर्जन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है. सीएम नीतीश ने 2005 में अपनी पहली सरकार में मंत्री बनाने के 24 घंटे के भीतर जीतनराम मांझी का इस्तीफा लिया. फिर रामानंद सिंह को पद छोड़ना पड़ा.
19 मई 2011 को कोर्ट द्वारा फरार घोषित होने के बाद सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने इस्तीफा दिया था. इसके बाद 2015 में स्टिंग ऑपरेशन में 4 लाख घूस लेते पकड़ाए निबंधन उत्पाद मंत्री अवधेश कुशवाहा ने इस्तीफा दिया. 2018 में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दिया था. मंजू वर्मा के घर से सीबीआई ने तालाशी के दौरान कारतूस बरामद किए थे. हालांकि सीएम नीतीश ने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में मंजू वर्मा को टिकट भी दिया लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया. इसे लेकर भी कई सवाल खड़े किए गए थे. अब इस कड़ी में मेवालाल का नाम भी जुड़ गया है. मेवालाल ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि ‘मैं अपने पद से त्याग पत्र देता हूं’. जिसके जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अनुशंसा लिखी है-‘मैं इनका त्यागपत्र स्वीकृत करने की अनुशंसा करता हूं’.