GAYA : बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अब पूरी तरह राजभवन से टकराव के मूड में दिखते हैं। पाठक ने पखवाड़े भर में राज्य के विश्वविद्यालयों के वीसी, प्रो वीसी और परीक्षा नियंत्रकों की तीसरी बार बैठक बुलाई है। पहली बैठक 28 फरवरी को बुलाई थी, लेकिन राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। उसके बाद कल भी बैठक बुलाई गई है और फिर इसे कैंसल भी कर दिया गया। ऐसे में अब इस पुरे मामले में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि- राज्य सरकार अपने हिसाब से बिहार की भलाई के लिए काम कर रही है और इसके हित के लिए काम कर रही है। ऐसे में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कहीं कोई टकराव की स्थिति नहीं है। राजभवन और शिक्षा विभाग दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीटिंग स्थगित हुई थी कुलपति जाते ही हैं। किसी कुलपतियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।
वहीं, नियोजित शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा पर उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की मांग पर सरकार ने सुलभ अवसर दिया है। शुरू में तो ऑनलाइन परीक्षा की बात हुई थी हमने ऑफलाइन की भी बात कही। शिक्षको ने बताया था कि बहुत पुराने शिक्षक हैं जो कंप्यूटर नहीं जानते हैं तो सीएम से बात कर फाइनल हुआ। अब तीन बार ऑनलाइन और 2 बार ऑफलाइन इन पांचों में किसी एक परीक्षा को ही नियोजित शिक्षकों को पास करनी है। अब इससे मुझे नहीं लगता है कि नियोजित शिक्षकों को कोई परेशानी है।
इसके आलावा जब गया सर्किट हाउस में रविवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस की तो इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आरजेडी नेता सुभाष यादव पर ईडी की कार्रवाई को लेकर कहा कि ईडी को जहां-जहां पता चलता है, कुछ गड़बड़ी होती है तो जाती है। ईडी का जाना कोई बड़ी बात नहीं है। ईडी को क्या मिला, कैसा कैस हुआ? आरोप लगने पर टीम जाती ही है।
वहीं, 'भू माफिया को लटकाया जाएगा' शाह के इस बयान पर विजय चौधरी ने कहा कि अमित शाह ने गलत क्या कहा है? इसमें गलत क्या है कोई जमीन के बदले नौकरी लेने का मामला कोई नया नहीं है. मामला कोर्ट में चल रहा है. माफिया चाहे जमीन से जुड़ा हो, शराब से जुड़ा हो, शिक्षा से जुड़ा हो जो भी माफिया है. इसके खिलाफ कार्रवाई करना और अपराध के खिलाफ कार्रवाई करना बिहार में नीतीश सरकार की विशेषता रही है. जीरो टॉलरेंस केंद्र की मदद से और ज्यादा प्रभावकारी ढंग से सफल होगा।