श्याम रजक ने लालू के चुनावी प्लान को एक्टिवेट किया, खतरा देख नीतीश भी फ्रंट फुट पर आए

श्याम रजक ने लालू के चुनावी प्लान को एक्टिवेट किया, खतरा देख नीतीश भी फ्रंट फुट पर आए

PATNA : 11 साल बाद राष्ट्रीय जनता दल में वापसी करने वाले पूर्व मंत्री श्याम रजक ने लालू यादव का चुनावी प्लान एक्टिवेट कर दिया है. सोमवार को श्याम रजक ने जब आरजेडी का दामन थामा तो नीतीश कुमार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया श्याम रजक ने कहा कि दलितों के हित में नीतीश सरकार फैसले नहीं ले रही है. इतना ही नहीं उन्होंने जेडीयू के अंदर दलितों की उपेक्षा किए जाने का भी आरोप मढ़ा.


दरअसल श्याम रजक दलित पॉलिटिक्स के सहारे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के उसी प्लान पर चल रहे हैं. जिसके बूते 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने जीत हासिल की थी. लालू यादव ने आरक्षण के कार्ड का सहारा लिया था और मोहन भागवत के बयान पर जो एजेंडा तय किया. वह चुनाव में सही निशाने पर लगा श्याम रजक भी आरजेडी सुप्रीमो की तरह दलित कार्ड खेलकर नीतीश को बैकफुट पर धकेल न चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रजक की प्लानिंग को समय रहते भाप लिया है.


श्याम रजक की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के दलित नेताओं को आगे कर दिया है. रजक के कैबिनेट सहयोगी रहे अशोक चौधरी नीतीश के बचाव में उतरे हैं. अशोक चौधरी ने श्याम रजक पर जोरदार हमला बोला है. श्याम रजक के आरोपों को नकारते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि श्याम रजक दबुद्धि छात्र हैं. नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं, ये समझने में उनको 11 साल लग गए. आजाद भारत मे मुख्यमंत्रियों में नीतीश कुमार सबसे ज्यादा दलित हितैषी सीएम हैं.  गांधी जी ने दलितों के लिए आंदोलन किया, वो तो दलित नहीं थे. नीतीश कैबिनेट में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने 40 करोड़ के बजट को एक हजार करोड़ से ज्यादा किया.


उधर श्याम रजक ने अशोक चौधरी के ऊपर पलटवार करते हुए कहा कि मुझे मंद बुद्धि कहने वाले का ऐसा ही संस्कार है. अशोक चौधरी को कांग्रेस में रहते इतने साल क्यों लग गए. उनको इतने दिनों बाद कांग्रेस की समझ आई. बिहार में दलितों पर अत्याचार हो रहा है. राज्य के अंदर इन दिनों आपराधिक घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. सूबे में लॉ एंड आर्डर की स्थिति बिगड़ी हुई है.