1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 16 Mar 2024 10:13:29 AM IST
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DELHI : राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे और दलीलें शुरू होते ही उन्हें जमानत मिल गई है। यह मामला ईडीकी याचिका से जुड़ा है। जिस पर कोर्ट में पेश होने के लिए उन्हें 7 मार्च को समन जारी हुआा था। इस मामले में शुक्रवार (15 मार्च) को सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने उन्हें पेश होने को कहा था, जिसके बाद आज केजरीवाल पेश हुए और दलीलें शुरू होते ही उन्हें जमानत दे दी गई।
केजरीवाल ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा द्वारा पारित उस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें 16 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दो शिकायतें दायर की हैं, जिसमें मामले में केजरीवाल को जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया गया है।
दरअसल, दिल्ली सीएम ने व्यक्तिगत तौर पर न पेश होने के लिए छूट मांगी थी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश होने के लिए केजरीवाल को अब तक 8 बार समन जारी किए जा चुके थे, लेकिन वो एक बार भी पेश नहीं हुए। साथ ही राजधानी की एक सत्र अदालत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी का समन नजरअंदाज करने के लिए मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि इससे पहले केजरीवाल राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए थे। कोर्ट द्वारा सुनवाई में वर्चुअली जुड़ने का कारण पूछने पर केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र और विश्वास मत का हवाला देकर कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी में असमर्थता जताकर अगली तारीख देने की अपील की थी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर अगली तारीख मिलती है तो वो खुद पेशी पर आएंगे। इस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख दे दी थी। बता दें कि, ईडी ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को कई बार समन जारी किए थे, लेकिन वह पेश नहीं हुए जिसके बाद ईडी ने अदालत में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने 7 फरवरी को अपनी सुनवाई के दौरान केजरीवाल को 17 फरवरी के लिए तलब किया था और कहा था कि प्रथम दृष्टया 'आप' प्रमुख इसका अनुपालन करने के लिए 'कानूनी रूप से बाध्य हैं।