लालू-तेजस्वी से शिवानंद तिवारी का मोहभंग, राजद उपाध्यक्ष का पद छोड़ा, सियासी छुट्टी पर जाने का एलान

लालू-तेजस्वी से शिवानंद तिवारी का मोहभंग, राजद उपाध्यक्ष का पद छोड़ा, सियासी छुट्टी पर जाने का एलान

PATNA : राजद के बयानवीर शिवानंद तिवारी का लालू प्रसाद यादव के कुनबे से मोहभंग हो गया है. शिवानंद तिवारी ने आज राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से छुट्टी लेने यानि पद छोड़ देने का एलान किया है. शिवानंद तिवारी बोल रहे हैं कि उन्हें मन की थकान हो गयी है. लिहाजा अब छुट्टी पर जाना चाहते हैं. चर्चा ये है कि राजद में अब उनकी पूछ नहीं हो रही थी लिहाजा नाराज शिवानंद तिवारी छुट्टी पर चले गये हैं. 

क्या कहा है शिवानंद तिवारी ने
शिवानंद तिवारी ने आज बयान जारी कर कहा कि वे मन की थकान को अनुभव कर हे हैं. इसलिए जो फिलहाल कह कर रहे हैं उससे छुट्टी पाना चाह रहा हूं. अब संस्मरण लिखने की कोशिश करेंगे. लिख ही देंगे इसका भरोसा नहीं है फिर भी प्रयास करेंगे. इसलिए राजद की ओर से जिस भूमिका को वो अब तक निभा रहे थे उससे छुट्टी ले रहे हैं.


टूकड़े-टूकड़े में क्यों हो रहा है शिवानंद तिवारी का मोहभंग
6 साल पहले राज्यसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने शिवानंत तिवारी को टिकट नहीं दिया था. तब शिवानंद तिवारी ने सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने का एलान किया था. बाद में वे राजद में शामिल हो गये. उनकी ओर से सफाई आयी कि उन्होंने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने का एलान किया था, राजनीति से नहीं. 2015 में उनके बेटे मंटू तिवारी को राजद का टिकट मिला और वे विधायक बन गये. बाद में शिवानंद तिवारी राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिये गये. कई सालों तक वे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के सलाहकार बने रहे.


राजद से मोहभंग
राजद के अंदरखाने की खबर ये है कि शिवानंद तिवारी को अब लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से निराशा हाथ लग रही थी. शिवानंद तिवारी को पार्टी के अहम फैसलों में शामिल नहीं किया जा रहा था. पार्टी की रणनीति तेजस्वी के निजी सलाहकार बना रहे थे. वहीं दूसरे काम जगदानंद सिंह जैसे नेता देख रहे थे. लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी के गायब रहने पर शिवानंद तिवारी के एक बयान से तेजस्वी यादव के नाराज होने की भी खबर फैली थी. पार्टी में किनारे कर दिये गये शिवानंद तिवारी के पास किसी दूसरी पार्टी में जाने का विकल्प भी नहीं बचा था. लिहाजा उन्होंने छुट्टी पर जाने का एलान किया है. हालांकि ये एलान भी भ्रम में डालने वाला है. शिवानंद तिवारी खुल कर ये नहीं कह रहे हैं कि उन्होंने राजद छोड़ दी है. लेकिन उनके बयान का मतलब कुछ ऐसा ही निकल रहा है.