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DELHI : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है। इस बार का विवाद शिवाजी जयंती के मौके पर शुरू हुआ है। इस विवाद की मुख्य वजह शिवाजी महाराज की तस्वीर से माला उतार जमीन पर फेंका जाना बताया जा रहा है। यह विवाद वामपंथी छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीच का बताया जा रहा है।
दरअसल, जेएनयू में एक बार फिर बवाल हो गया। रविवार देर रात में छात्र संघ कार्यालय में वामपंथियों के द्वारा वीर शिवाजी के चित्र से माला उतारी गई। इसके साथ ही तोड़-फोड़ कर वहां लगे महापुरुषों की तस्वीरों को भी फेंक दिया गया। अब इस घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं। एबीवीपी ने इस घटना पर ट्वीट भी किया है। वामपंथी और एबीवीपी छात्रों के बीच कैंपस में तनाव का महौल है।
वहीं , इस घटना को लेकर ABVP ने अपने ट्वीटर पेज कई तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें उसने कहा है, ‘जेएनयू में छात्र संघ कार्यालय में वामपंथियों द्वारा वीर शिवाजी के चित्र से माला उतारा गया और तोड़ फोड़कर वहां लगे महापुरुषों की तस्वीरों को फेंका गया। अभाविप इसकी कड़ी निंदा करती है एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग करती है।
इधर, इस पूरी घटना को लेकर जेएनयू छात्रसंघ JNUSU ने भी बयान जारी कर कहा कि एबीवीपी ने एक बार फिर छात्रों पर हमला किया है। यह दर्शन सोलंकी के पिता के आह्वान पर एकजुटता दिखाने के लिए निकाली गई कैंडल लाइट मार्च के तुरंत बाद किया गया था। एबीवीपी ने एक बार फिर जातिगत भेदभाव के खिलाफ आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए ऐसा किया है।
आपको बताते चलें कि, अनुसूचित जाति समुदाय के 18 वर्षीय सोलंकी ने 12 फरवरी को आईआईटी के पवई परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। छात्र के परिवार को उसकी मौत में साजिश का संदेह है और उनका कहना है कि उसे भेदभाव का सामना करना पड़ा था।