PATNA : शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के लिए अधिसूचना जारी किए जाने के बाद सोमवार को चौथी बार नियोजन की तारीखों का एलान किया गया. बीटीईटी-सीटीईटी अभ्यर्थियों द्वारा बहाली की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन होते रहे. शिक्षक नियोजन में हो रही देरी पर अब सरकार ने विराम लगा दिया है. सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है कि अभ्यर्थी 15 जून से आवेदन कर सकते हैं.
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक 15 जून से 14 जुलाई यानी कि एक महीने तक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. 18 जुलाई तक मेरिट लिस्ट तैयार हो जाएगी. 21 जुलाई से अनुमोदन किया जायेगा. 23 जुलाई को मेघा सूची प्रकाशित की जाएगी. इससे पहले नियोजन का प्रथम शिड्यूल जारी कर अगस्त-सितम्बर से आवेदन भी लिया गया था. लेकिन इसी दौरान नियोजन प्रक्रिया में कक्षा एक से पांच शिक्षक पद के लिए बीएड के बजाए डीएलएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने व एनआईओएस से सेवाकालीन प्रशिक्षित डीएलएड अभ्यर्थियों को मौका देने की मांग को लेकर मामला हाईकोर्ट व एनसीटीई में फंस गया था.
चौथी बार जारी हुआ नियोजन कार्यक्रम
बिहार सरकार की ओर से यह चौथी बार नियोजन कार्यक्रम जारी किया गया. अधिसूचना जारी होने के बाद विभाग द्वारा बहाली के लिए तीन बार संशोधित नियोजन कार्यक्रम जारी किया गया था. अंतिम संशोधित कार्यक्रम के अनुसार नियोजन इकाइयों में आवेदन की आखिरी तिथि 23 नवम्बर था. जमा लिए गए आवेदन के आलोक में पांच दिसम्बर तक मेधासूची तैयार की गई. 11 दिसंबर तक नियोजन समिति द्वारा मेधा सूची का अनुमोदन के बाद 16 दिसम्बर तक सूची का प्रकाशन किया गया था. आपत्ति आवेदन के निराकरण के बाद 29 फरवरी तक अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन करना था.
शिक्षक नियोजन में हो रही देरी से शिक्षक बनने का सपना संजोए अभ्यर्थियों का सब्र टूटने लगा था. अभ्यर्थियों ने बताया था कि वे लोग पिछले आठ वर्षों से सरकार के शिक्षक बहाली कुचक्र में फंसे हैं. पिछले वर्ष जुलाई में ही शुरू हुई नियोजन प्रक्रिया एक वर्ष बाद भी अपने अंतिम मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है. जैसे-जैसे नियोजन की गाड़ी धीमी पड़ती गई, नियोजन प्रक्रिया में पेंच फंसता गया और सरकार ठोस निर्णय लेने से बचती रहीं. अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लोग प्रथम बिहार टीईटी परीक्षा 2011 पास करने तथा रेगुलर मोड से प्रशिक्षित रहने के बाद भी शिक्षक बहाली के इंतजार में दिन काटते रहें. अभ्यर्थियों का कहना है कि फिर से नियोजन की कवायद शुरू होने के बाद शिक्षक बनने की आस जगी है.