NALANDA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब कांड के बाद सरकार बेचैनी में दिख रही है. सरकार के बड़े अधिकारी लगातार नालंदा के छोटी पहाड़ी इलाके का दौरा कर रहे हैं और यहां शक्ति को लेकर अलग-अलग आदेश भी जारी किया जा रहा है. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सोमवार को इलाके का दौरा किया था.
उन्होंने इस इलाके में अवैध निर्माण को लेकर बड़ा फरमान जारी किया है. केके पाठक ने कहा है कि जहरीली शराब से जिस इलाके में लोगों की मौत हुई वहां अवैध घरों को तत्काल ध्वस्त कराया जाए. केके पाठक ने कहा है कि ऐसे सभी अवैध निर्माण को या तो ध्वस्त किया जाए या फिर वहां रह रहे लोगों को हटाया जाए. उसके बाद पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग के लोग लगातार अभियान में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं शराब बनाने बेचने और पीने वालों के ऊपर सीसीए के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नालंदा पहुंचकर मैराथन बैठक भी की और तमाम अधिकारियों से शराब बंदी कानून को सफल बनाने के लिए प्रेजेंटेशन भी लिया. बैठक में गृह सचिव के सेंथिलकुमार विधि व्यवस्था के अपर पुलिस महानिदेशक के संजय सिंह उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी मद्य निषेध के पुलिस महा निरीक्षक अमृतराज और केंद्रीय रेंज पटना के पुलिस महा निरीक्षक राकेश राठी के साथ-साथ नालंदा जिले के तमाम पदाधिकारी भी जुड़े हुए थे.
नालंदा में जहरीली शराब से 15 लोगों की मौत के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. अब हार्डकोर शराब धंधेबाज और इसके निर्माण और इस्तेमाल करने वाले लोगों पर सीसीए के तहत कार्रवाई होगी। वैसे सीसीए ऐसे अपराधियों पर लगाया जाता है जो आदतन अपराधी होते हैं, जिन्होंने दो वर्षों के अंदर दो से अधिक अपराध किया हो। साथ ही अगर वे जेल में हैं और उनके जमानत पर बाहर आने से अपराध करने का खतरा या आशंका बनी रहती है।
सीसीए लगाने के लिए डीएम संबंधी व्यक्ति या अपराधी के खिलाफ उसके आपराधिक इतिहास के साथ प्रस्ताव भेजते हैं। इस प्रस्ताव पर एडवाइजरी बोर्ड विचार करता है और उसकी सहमति के बाद राज्य सरकार सीसीए लगाती है। पिछले दिनों गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि वे सीसीए के तहत किसी भी अपराधी पर पहली बार में अधिकतम तीन माह के लिए ही निरुद्धादेश लगाएं। इसके बाद भी अगर जरूरत हो तो हर बार अधिकतम तीन माह तक का ही आदेश दिया जाएगा।