PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून को जमीन पर उतारने में हो रही परेशानी और इसे लेकर न्यायालयों में हो रही फजीहत के बीच राज्य सरकार अब सख्त कदम उठा रही है। शराबबंदी से जुड़े मामलों में लापरवाही बरतने वाले विशेष लोक अभियोजकों पर अब कार्रवाई करने की तैयारी है। मामला कटिहार और सुपौल के विशेष लोक अभियोजकों से जुड़ा हुआ है। यहां शराबबंदी से जुड़े केसों के निपटारे में लापरवाही को देखते हुए मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने लोक अभियोजकों के खिलाफ ही कार्रवाई का फैसला किया है।
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। बुधवार को केके पाठक के पूर्णिया और कोसी प्रमंडल के सभी लोक अभियोजकों के साथ शराबबंदी से जुड़े केसों की समीक्षा की। कटिहार और सुपौल में केसों की सुनवाई को लेकर उदासीनता बरते जाने के मामले में उन्होंने नाराजगी जताते हुए दोनों जिलों के विशेष लोक अभियोजको पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है।
ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि शराबबंदी के केस में सुस्त रवैया अपनाने वाले विशेष लोक अभियोजको पर ही एक्शन लिया जाए। अपर मुख्य सचिव ने इसके साथ ही सभी लोग अभियोजकों को निर्देश दिया है कि जिन मामलों में अब तक के आगे एक्शन या फैसला नहीं हो पाया है उनमें तत्काल पहल करें और इसके रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजें। आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून के तहत तीन लाख से ज्यादा केस दर्ज हैं। इनमें से सवा लाख से अधिक के केसों का संज्ञान तक के नहीं लिया जा सका है। अब तक केवल 1636 केस का ही ट्रायल पूरा किया जा सका है। शराबबंदी कानून के तहत लंबित मामलों को लेकर सीजेआई तक अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।