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1st Bihar Published by: Updated Thu, 15 Dec 2022 01:17:42 PM IST
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PATNA: शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में छपरा में शराब से हुई मौतों के लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और लोगों की मौत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो जिम्मेवार बताते हुए इस्तीफे की मांग की। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार सदन के भीतर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि छपरा में अबतक जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है बावजूद इसके सरकार सदन के अंदर मजाक कर रही है। उन्होंने कहा कि शराब की आड़ में बिहार की सरकार लोगों का नरसंहार करा रही है। नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस नरसंहार का सीबीआई से जांच कराए, जांच में राज्य सरकार के कई लोग फसेंगे।
विजय सिन्हा ने कहा कि जहरीली शराब के कारण छपरा में अबतक तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अगर सरकार इस तरह की घटनाओं को नहीं रोक सकती है तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इतनी लोगों की मौत के बावजूद सदन में मुख्यमंत्री की तरफ से कोई वक्तव्य नहीं आया है। विधानसभा स्पीकर का आचरण विपक्ष के साथ उचित नहीं है, विपक्ष के विधायकों को सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है। सरकार चाहे जो भी कर ले, जहरीली शराब से हुई मौतों पर विपक्ष चुप नहीं रह सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधी खुलेआम आतंक मचा रहे हैं बावजूद सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की है कि बिहार में अबतक जहरीली शराब से एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, उनके परिजनों को सरकार उचित मुआवजा दे क्योंकि जहरीली शराब को रोकना सरकार की ही जिम्मेवारी है। शराबबंदी को सफल बनाना सरकार की जिम्मेवारी थी, वह अपनी जिम्मेवारी से भाग नहीं सकती है।
शराब माफिया को गोपालगंज में टिकट देकर पार्टी का उम्मीदवार बनाया और शराब पीने वाले को कुढ़नी उपचुनाव में प्रत्याशी बना दिया। सरकार शराब और बालू माफिया को संरक्षण देने का काम कर रही है। विपक्ष जब सदन में इसको लेकर आवाज उठाता है तो उसे दबाने की कोशिश की जाती है। बिहार के लोकतंत्र में आज तक ऐसा व्यवहार विपक्ष के साथ नहीं हुआ जो बीजेपी के साथ किया जा रहा है। धृतराष्ट्र बनकर बिहार के मुख्यमंत्री सदन के अंदर ताली बजाते हैं। नीतीश कुमार किसी भ्रम में नहीं रहे, सत्ता हाथ से जाएगी तो उनकी दुर्गति तय है।