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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 27 Dec 2024 11:43:26 PM IST
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हिंदू धर्म में भगवान शनि को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। शनि त्रयोदशी व्रत भगवान शनि और महादेव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस व्रत को करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष शनि त्रयोदशी 28 दिसंबर, 2024 को मनाई जाएगी।
शनि त्रयोदशी 2024 तिथि और समय
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 28 दिसंबर, 2024 को रात 02:28 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 29 दिसंबर, 2024 को रात 03:32 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त:
28 दिसंबर को शाम 05:26 बजे से रात 08:17 बजे तक
पूजन सामग्री सूची (Shani Trayodashi Samagri List)
पंच मिष्ठान्न
बिल्वपत्र
धतूरा और भांग
बेर और आम्र मंजरी
पुष्प, पंच फल और पंच मेवा
रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा
पूजा के बर्तन और कुशासन
दही, शुद्ध घी, शहद, गंगाजल और शुद्ध जल
पंच रस, इत्र, गंध रोली और मौली
जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प
गाय का कच्चा दूध, ईख का रस
कपूर, धूप, दीप, रूई, और चंदन
भगवान शिव और माता पार्वती की शृंगार सामग्री
पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
भगवान शनि और शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
भगवान शनि का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
धतूरा, भांग, बिल्वपत्र, और फूल अर्पित करें।
देसी घी का दीपक जलाएं और मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
शनि देव के मंत्रों का जाप करें।
शनि देव पूजन मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि त्रयोदशी का महत्व
इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और कुंडली में शनि दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही यह व्रत जीवन में शांति और समृद्धि लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।