PATNA : बिहार के उद्योग मंत्री के रूप में एक वर्ष पूरा करने पर शाहनवाज़ हुसैन ने अपने कामकाज और उपलब्धियों का पत्र बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल को सौंपा. इसके बाद एक साझा प्रेस वार्ता में उन्होंने अपने विभाग में किये गये कार्यों के एक साल का रिपोर्ट पेश किया. इससे पहले गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें रिपोर्ट कार्ड दी थी.
शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि बिहार अब उद्योग के मामलें में प्रगति की राह पर है. पिछले एक साल में बिहार को 39,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिसमें से 30,382 करोड़ के निवेश प्रस्ताव अकेले एथेनॉल उत्पादन से जुड़े है. उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर कहा कि, उनके एक साल पहले कार्यभार संभालने के बाद से 38,906 करोड़ रुपये के 614 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. निवेश प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, कृषि, प्लास्टिक और रबर और पर्यटन क्षेत्रों से संबंधित थे। प्रदेश में अब तक 87 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के चौथे कार्यकाल के दौरान कुल 17 एथेनॉल उत्पादन इकाइयों के प्रस्तावों पर कार्रवाई की गई है. इनमें से चार जल्द ही भोजपुर में 180 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से उत्पादन शुरू करेंगे. इसी तरह, गोपालगंज में 133.25 करोड़ रुपये और 40 करोड़ रुपये की दो इकाइयाँ आ रही हैं. पूर्णिया को भी 96.76 करोड़ रुपये के निवेश से एक इकाई मिलेगी.
उन्होंने कहा, बिहार जल्द ही एक औद्योगिक केंद्र बन जाएगा जो लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. अधिकारियों के अनुसार बेगूसराय के बरौनी में 557 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पेप्सी का एक बॉटलिंग प्लांट उत्पादन के लिए तैयार है. मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में 187 करोड़ रुपये के निवेश से मेगा फूड पार्क खोला जाएगा.
उद्योग मंत्री ने जो रिपोर्ट कार्ड पेश किया उसके अनुसार...
- एक साल में बिहार में 614 औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए कुल 38 हजार 906 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए है।
- पिछले एक साल में कुल 87 औद्योगिक इकाईयां स्थापित हुई और इसने उत्पादन या सफल संचालन शुरू कर दिया है।
- बिहार में पहले चरण में लग रही है 17 इथेनॉल इकाइयां 04 इथेनॉल उत्पादन ईकाईया बनकर तैयार है. इसमें उत्पादन का ट्रायल रन शुरू हो चुका है। बाकी कंपनियां भी तेजी से उद्योग लगाने के लिए प्रयासरत हैं। इनके कार्यों की प्रगति अलग अलग चरणों में है।
- बिहार में सिर्फ इथेनॉल उद्योगों की स्थापना के लिए 30 हजार 382.15 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए है। बिहार को मिले कोटे के हिसाब से फिलहाल 17 इथेनॉल
- उत्पादन इकाईयां लगनी तय है लेकिन कोटा बढ़ने पर सौ से काफी ज्यादा इथेनॉल ईकाईयां लग सकती हैं, जिनके लिए निवेश प्रस्ताव उद्योग विभाग के पास मौजूद है।
- ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के टेंडर में भी बिहार की प्रस्तावित इकाईयां नंबर वन रही थीं। कुल 29 कंपनियों ने 168 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का दावा किया था लेकिन फिलहाल कोटा सिर्फ 36 करोड़ लीटर सालाना का मिला है।
- बिहार में इथेनॉल ही नहीं हर तरह के उद्योग लग रहे हैं और इसके प्रस्ताव है। पिछले एक साल में मिली 614 इकाइयों के लिए प्रस्ताव में करीब 150 प्रस्तावों को छोड़कर बाकी प्रस्ताव अन्य उद्योगों की स्थापना के लिए ही है।
- नए साल 2022 में भी निवेश प्रस्तावों की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है। 28 जनवरी को हुई नए साल की पहली एसआईपीबी की बैठक में 62 नए उद्योगों की स्थापना के लिए 1166.58 करोड़ रुपए निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति मिली।
- बिहार को मौजूदा 36 करोड़ लीटर से भी कम इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला था पहले सिर्फ 18.5 करोड़ लीटर सलाना इथेनॉल का कोटा बिहार को मिला था लेकिन काफी प्रयासों से ये बढ़ा। बिहार में डबल इंजन की सरकार, औद्योगिक विकास की तेज रफ्तार
- बरौनी में वरुण बेवरेज लिमिटेड (पेप्सी) का बॉटलिंग का प्लाट तैयार हो चुका है, जल्द शुरू होगा उत्पादन दो चरणों में 557.29 करोड़ का निवेश तय है।
- मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में देश का सबसे बड़ा मेगा फूड पार्क स्वीकृत हुआ है. कार्य "प्रगति पर है।
- मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 16 हजार लाभार्थी चयनित हो चुके हैं। नए उद्यमी बनाने और बिहार के युवा में उद्यमिता के विकास में खर्च होंगे 1600 करोड़ रुपये
- इस योजना से बिहार के हर जिले में हजारों युवा उद्यमी तैयार हो रहे है। इनकी ट्रेनिंग शुरु हो गई है। ट्रेनिंग पूरी होते ही 10 लाख ( 5 लाख अनुदान और 5 लाख लोना उद्योग शुरु करने के लिए मिलेंगे।
- स्टार्टअप्स और एमएसएमई को पूरा सहयोग और बढ़ावा मिला है। स्टार्टअप पॉलिसी के तहत सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त कई स्टार्टअप कंपनियां बहुत अच्छा कर रही हैं।
- खादी और हैंडलूम मेलों से बढ़ रहे बिहार के पारंपरिक उद्योग -सिवान, आरा, मुजफ्फरपुर में खादी मेला सह प्रदर्शनी, पटना में राष्ट्रीय हैंडलूम एक्स्पो का आयोजन किया जा चुका है।
- भागलपुर में मंजूषा महोत्सव से स्थानीय कला को प्रोत्साहन
- भागलपुर और बांका के 723 बुनकरों को कार्यशील पूंजी के रूप में दिए हर एक को 10 हजार के चेक