शाह की मीटिंग में 1157 मुद्दे और 21 एजेंडों पर हुई चर्चा, रांची में होगी अगली बैठक; जानिए नीतीश- तेजस्वी ने क्या रखी मांग

शाह की  मीटिंग में 1157 मुद्दे और 21 एजेंडों पर हुई चर्चा, रांची में होगी अगली बैठक; जानिए नीतीश-  तेजस्वी ने क्या रखी मांग

PATNA : बिहार की राजधानी रविवार को पूर्वी क्षत्रिय परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चार राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। अब आज जिस बात की चर्चा है वही है कि इस बैठक में आखिर किन-किन मुद्दों पर बातचीत की गई। इसको लेकर जब इस बैठक में शामिल कुछ  लोगों से जानकारी ली गई उन्होंने इसको लेकर काफी अहम जानकारी साझा की है।


दरअसल, पूर्वी क्षत्रिय परिषद की बैठक लगभग 3 घंटे चली। इस बैठक में आयुष्मान भारत योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की तहत जांच, बच्चों के कुपोषण को दूर करने का प्रयास, और स्कूलों में ड्रॉप आउट काम करने को लेकर भी बातचीत की गई। यह समीक्षा सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के स्तर पर की गई है।


बताया जा रहा कि बैठक में कुल 21 एजेंट पर चर्चा हुई है। इसमें 1157 मुद्दों को सुलझाया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा किया बैठक अच्छी रही जो भी मुद्दे थे उन पर कोई ना कोई निर्णय हुआ है कुछ मुद्दों में कमेटी बने तो कुछ का समाधान किया गया। इसके बाद पूर्वी छात्र परिषद की अगली बैठक रांची में किए जाने की पर भी सहमति बनी है।बैठक में कुल 21 एजेंडों पर चर्चा हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बैठक बहुत अच्छी रही। जो भी मुद्दे थे, उन पर कोई न कोई निर्णय हुआ है। कुछ मुद्दों में कमेटी बनी तो कुछ का समाधान किया गया। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक रांची में किए जाने पर भी सहमति बनी। श्री शाह ने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में राजनीतिक मामलों पर मतभेद भुलाकर उदारवादी तरीके से मामलों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।


आपको बताते चले कि बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा पश्चिम बंगाल के मंत्री चंद्रमा भट्टाचार्य उड़ीसा के मंत्री प्रदीप कुमार अहमद झारखंड के मंत्री रामेश्वर उड़ान के अलावा केंद्र सरकार के सचिव और चारों राज्यों के मुख्य सचिव बिहार के पुलिस महानिदेशक एवं पूर्वी छतरियां परिषद के सचिव तथा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के बड़ी अधिकारी गण उपस्थित थे।