सीट शेयेरिंग को फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बताया क्या है गठबंधन में शामिल पार्टियों ने नई रणनीति; ममता और नीतीश को लेकर भी दी जानकारी

सीट शेयेरिंग को फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बताया क्या है गठबंधन में शामिल पार्टियों ने नई रणनीति; ममता और नीतीश को लेकर भी दी जानकारी

DESK : देश के अंदर अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव का ऐलान होना है। लेकिन, अभी तक इस चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। ऐसे में अब इसको लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर सीट शेयरिंग पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच सहमति नहीं बन पाती है तो ये अलायंस के लिए खतरा है। 


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, अगर सीटों का बंटवारा जल्दी नहीं किया जाता है तो ये गठबंधन के लिए खतरा है। इसे समय रहते जल्दी कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों में जल्दी सहमति नहीं बनती है तो कुछ दल एक अलग ग्रुप बनाने की कोशिश कर सकते हैं, जो मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है। इसलिए अभी भी समय है और इसे जल्द पूरा कर लेना चाहिए। यह बात उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर चर्चा में कही है। 


दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल एकसाथ आने की कोशिश में लगे हुए हैं, इन दलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है। इन लोगों के बीच हाल ही में ऑनलाइन मीटिंग भी हुई। लेकिन कई ऐसे राज्य हैं, जहां सीटों की शेयरिंग पर पेच फंसा हुआ है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार और केरल समेत कई राज्यों में दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। 


इसके आगे एनसी नेता ने कहा कि पार्टियों को केवल वहीं सीटें मांगनी चाहिए जहां उनका दबदबा है तब ही वह जीत हासिल कर सकते हैं, जहां उनका दबदबा नहीं हैं वहां सीटें मांगना गलत है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तो खतरे में है ही, आने वाली पीढ़ी भी हमें माफ नहीं करेगी। फारूक ने कपिल सिब्बल के साथ चर्चा करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि अगर हम अपने अहंकार को छोड़कर एक साथ मिलकर यह नहीं सोचते कि इस देश को कैसे बचाया जाए, तो मुझे लगता है कि यह हमारी ओर से सबसे बड़ी गलती होगी।


इसके आगे उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लिए सीट शेयरिंग पश्चिम बंगाल में सबसे मुश्किल है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पिछली बार टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी वाम दलों के साथ सीटें शेयर करने के लिए तैयार नहीं थीं लेकिन इस बार उन्होंने कहा कि पार्टियों के नेता वहां चुनाव लड़ सकते हैं, जहां वह जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग उनके खिलाफ बयान जारी कर मतभेद बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप ऐसी सीटें क्यों मांग रहे हैं जहां आप जीत नहीं सकते।


उधर, बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की गठबंधन वाली सरकार है। जेडीयू के पास बिहार में 17 सांसद हैं, नीतीश की पार्टी ने इन सीटों पर कोई समझौता करने से साफ इनकार कर दिया है। इसके अलावा लेफ्ट पार्टियों ने 9 और कांग्रेस ने 8-9 सीटें मांगी हैं। ऐसे में आरजेडी के लिए 4-5 सीटें बचती हैं। अब देखना होगा कि बिहार में गठबंधन का पेच कैसे सुलझेगा?