Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री को लेकर आया नया नियम, कार्यालय के चक्कर लगाने की अब कोई जरुरत नहीं BIHAR CRIME: बकरी चराने गई 10 साल की बच्ची के साथ युवक ने किया गंदा काम, घटना के बाद आरोपी फरार Patna Crime News: पटना में हत्या की एक और वारदात से हड़कंप, बाइक सवार बदमाशों ने युवक के सिर में दागी गोली Patna Crime News: पटना में हत्या की एक और वारदात से हड़कंप, बाइक सवार बदमाशों ने युवक के सिर में दागी गोली Bihar News: बगहा में बाइक और ट्रैक्टर की टक्कर, 2 कांवरिया गंभीर रूप से घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, मारपीट में एक ही परिवार के पांच लोग घायल Bihar News: बहाली विवाद में घिरे रहने वाले सबौर कृषि विश्वविद्यालय पर चला सरकारी डंडा...अब बहाली का अधिकार छीन जायेगा, डिप्टी CM 'सिन्हा' का बड़ा प्रहार Bihar Land Survey: भूमि सर्वे के बीच नीतीश सरकार नियमों में करने जा रही बड़ा बदलाव, विधानसभा में संशोधन विधेयक, आगे क्या होगा जानें....
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 20 Dec 2024 12:30:50 AM IST
- फ़ोटो
भारत में नदियों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सनातन धर्म में नदियों को पवित्र स्थान देने की परंपरा रही है। विशेष रूप से गंगा, यमुनाजी, गोमती, आदि नदियों के जल को पवित्र माना जाता है और उनका उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। लेकिन भारत के एक अन्य प्रसिद्ध नदी, सरयू, के बारे में एक विशेष कथा है जो इसे अन्य नदियों से अलग बनाती है।
सरयू नदी की उत्पत्ति
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सरयू नदी की उत्पत्ति भगवान विष्णु की आंखों से हुई थी। यह कथा शंखासुर नामक एक दैत्य से जुड़ी है, जिसने वेदों को चुराकर समुद्र में छिपा दिया था। भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर समुद्र से वेदों को निकाला। भगवान विष्णु की खुशी के आंसू भगवान ब्रह्मा ने मानसरोवर में डाले, जो बाद में सरयू नदी के रूप में प्रकट हुए। सरयू नदी का जल अत्यंत पवित्र और शुद्ध माना जाता है, और इसके किनारे स्थित आयोध्या को भगवान श्रीराम की नगरी कहा जाता है।
भगवान श्रीराम और सरयू नदी
सरयू नदी भगवान श्रीराम के जीवन से गहरे रूप से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन की अंतिम लीला का समापन इसी नदी के तट पर किया था। श्रीराम के जीवन के अंतिम क्षणों में सरयू नदी का विशेष स्थान था। आयोध्या के लोग आज भी श्रद्धा के साथ सरयू नदी के तट पर जाते हैं, जहां भगवान श्रीराम ने अपने शरीर का त्याग किया था।
भगवान शिव का श्राप
हालाँकि, पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव सरयू नदी से नाराज थे। जब भगवान श्रीराम ने अपनी लीला का अंत सरयू नदी में किया, तो भगवान शिव ने इसे उचित नहीं माना और इस नदी को श्रापित कर दिया। भगवान शिव ने कहा कि सरयू नदी का जल कभी भी पूजा-पाठ या अन्य शुभ कार्यों में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस श्राप के कारण, आज भी सरयू नदी का जल किसी भी मंदिर में पूजा के लिए नहीं लाया जाता।
पाप धोने का उपाय
यह श्राप होने के बावजूद, सरयू नदी का जल पवित्र माना जाता है। इसे स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं, लेकिन पुण्य की प्राप्ति नहीं होती। ऐसा माना जाता है कि सरयू नदी के जल में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं, लेकिन इस जल का कोई धार्मिक या शुभ कार्यों में उपयोग नहीं किया जा सकता।
सरयू नदी का इतिहास और पौराणिक महत्व अत्यधिक गहरा और दिलचस्प है। भगवान श्रीराम और भगवान शिव से जुड़ी इसकी कथाएँ इसे एक विशेष स्थान देती हैं। जबकि इसकी पूजा में कुछ प्रतिबंध हैं, यह नदी भारतीय संस्कृति और धर्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आर्टिकल आपको सरयू नदी के पौराणिक महत्व और भगवान शिव द्वारा दिए गए श्राप के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करता है।