सार्वजनिक कार्यक्रम में भाषण और तेजस्वी के साथ मंच साझा नहीं कर रहे नीतीश, BJP ने पूछा..मुख्यमंत्री बीमार हैं या फिर सलाहकारों का दबाब?

सार्वजनिक कार्यक्रम में भाषण और तेजस्वी के साथ मंच साझा नहीं कर रहे नीतीश, BJP ने पूछा..मुख्यमंत्री बीमार हैं या फिर सलाहकारों का दबाब?

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों ना तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा कर रहे हैं और ना ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाषण ही दे रहे हैं। अचानक उनके इस रुख से बीजेपी भी चिंतित है। भाजपा अब पूछ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार हैं क्या? या फिर क्या उन पर राजनीतिक सलाहकारों का दबाब है? जिसके कारण वो आजकल कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं। यहां तक की मीडिया से भी नाराज चल रहे हैं किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। वे मीडिया से भी दूरी बना रखे हैं। 


बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा पिछले 10 दिनों से बिहार में कुछ अनहोनी घटनाएं घट रही हैं। मुख्यमंत्री का सरकारी कार्यक्रमों में चुप्पी साध लेना और तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रमों का बहिष्कार करना। तेजस्वी यादव पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करने से क्यों कतरा रहे हैं? बहु प्रचारित इन्वेस्टर्स  मीट के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य अतिथि थे। उद्योग विभाग राजद  कोट के मंत्री समीर महासेठ के पास है। दोनों दिन में से किसी दिन 1 मिनट के लिए भी नहीं गए। हाँ, सम्मलेन के अगले दिन एक आईटी कंपनी का छोटे से कार्यालय उदघाटन में अकेले अवश्य गए।


सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री इन्वेस्टर्स मीट में निवेशकों से बिना मिले, बिना भाषण दिए चले गए। पुनौरा धाम सीतामढ़ी में जानकी मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में भी बिना भाषण दिए हेलीकॉप्टर में बैठकर उड़ गए। कल नवादा में गंगाजल कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने भाषण नहीं किया।


उन्होंने ने कहा कि तेजस्वी यादव पर्यटन के लिए जापान सपरिवार जा सकते हैं परंतु पुनौरा के अपने विभागीय कार्यक्रम में नहीं जाते हैं। आज पीएमसीएच के और डबल डेकर सड़क के निरीक्षण में मुख्यमंत्री के साथ नहीं दिखे। कल नवादा के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, परंतु वहाँ भी नदारद थे।


सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की जनता को जानने का अधिकार है कि राज्य का उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा क्यों नहीं कर रहे हैं? कहीं डर तो नहीं की मुख्यमंत्री बोलते-बोलते जंगलराज की याद कराने लगे। और फिर मुख्यमंत्री को कौन बोलने से रोक रहा है? डॉक्टर या राजनीतिक सलाहकार?