GAYA: बोधगया के राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की छात्राओं को दिये जाने वाले मिड डे मील में आए दिन कीड़े मिल रहे है। स्कूल की छात्राएं एक सप्ताह से लगातार इस बात की शिकायत कर रही हैं कि खाने में कीड़ा रहता है लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इस तरह का भोजन खाने से बच्चियां बीमार हो रही है। आज भी मध्याह्न भोजन में कीड़ा मिलने की बात सामने आई है। आज फिर कीड़ा युक्त भोजन स्कूली छात्राओं को परोसा गया।
स्कूल के छात्रा प्रीति ने बताया कि आज हम लोगों को खिचड़ी-चोखा खाने में मिला था। कुछ बच्चे खा रहे थे और कुछ खिचड़ी खा लिये थे। हमलोग भी खिचड़ी चोखा खा ही रहे थे कि तभी खिचड़ी से भरे थाली से कीड़ा निकला। जिसकी शिकायत स्कूल के शिक्षक से की। कहा कि लगातार एक सप्ताह से मिड डे मील में कीड़ा निकल रहा है। स्कूल के शिक्षक सतेंद्र कुमार से जब इस संबंध में बात की गयी तो उन्होंने बताया कि एकता फाउंडेशन के द्वारा स्कूल को खाना उपलब्ध कराया जाता है।
रोजाना की तरह आज भी स्कूल को खाना भेजा गया था। स्कूल के बच्चे खाना खा रहे थे, खाना खाने के दौरान बच्चों के थाली से कीड़े निकले, कीड़ा निकलने पर बच्चों ने हमें इस बात की जानकारी दी। हमने भी देखा कि बच्चे की थाली में कीड़ा है। इसके बाद एकता फाउंडेशन के कर्मचारी को फोन किया और फोटो वाट्सएप कर कम्प्लेन किया गया।
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी खाने में कीड़ा निकलने की बात सामने आई थी। जिसकी लिखित शिकायत की गयी थी जिसके बाद यह आश्वासन दिया गया था कि आगे से ऐसा नहीं होगा। लेकिन आज भी बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन में कीड़ा मिला है। बार-बार शिकायत के बाद भी एकता फाउंडेशन की तरफ से कोई सुधार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी बच्चे के थाली से कीड़ा निकला है।
आखिर बच्चे कब तक कीड़ा खाएंगे इस तरह के भोजन से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा और खाने की भी बर्बादी होगी। खिचड़ी से कीड़ा निकलने के बाद बच्चियों ने खाना नहीं खाया और बिना खाना खाये ही अपने-अपने घर चले गये। उन्होंने यह भी कहा कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक स्कूल चलता है आखिर छात्राएं कितनी देर तक भूखी रहेंगी। स्कूल की छात्राएं पिछले एक सप्ताह से कह रही है कि सर खाने में कीड़ा रहता है। छात्राओं की शिकायत के बाद भी सप्लायर ने मिड डे मील में सुधार नहीं किया। अब तो बार-बार शिकायत करके छात्राएं भी थक चुकी है। अब देखना यह होगा कि स्कूल के प्राचार्य और शिक्षा विभाग के अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं।