Bihar Election 2025: ‘वो खुद पागल हो चुका है, दूसरों को क्या पागल बनाएंगे’, खेसारी लाल यादव पर पवन सिंह का पलटवार Bihar Election 2025: ‘वो खुद पागल हो चुका है, दूसरों को क्या पागल बनाएंगे’, खेसारी लाल यादव पर पवन सिंह का पलटवार क्या BJP में जायेंगे तेजप्रताप? रविकिशन से दूसरी बार मुलाकात, एक दूसरे ने की कान में बात, कहा..महादेव जी सब तय करले बा Bihar Election 2025: ‘दुनिया की कोई ताकत बिहार में NDA की सरकार बनने से नहीं रोक सकती’, रोहतास में राजनाथ सिंह की हुंकार Bihar Election 2025: स्ट्रांग रूम का वीडियो शेयर कर आरजेडी ने गड़बड़ी के लगाए आरोप, DM ने दिए जांच के आदेश Bihar Election 2025: स्ट्रांग रूम का वीडियो शेयर कर आरजेडी ने गड़बड़ी के लगाए आरोप, DM ने दिए जांच के आदेश Bihar News: अपने घर 'मगध' में ही फंसे मांझी...'अतरी' में दांव पड़ रहा उल्टा ! चहेते कैंडिडेट के खिलाफ NDA वोटर्स में भारी नाराजगी..सबक सिखाने की तैयारी Bihar election 2025 : पवन सिंह और खेसारी लाल यादव में कौन है ज्यादा अमीर? जानिए दोनों की संपत्ति और राजनीतिक जुड़ाव Train Accident: बिहार में मिलिट्री गुड्स ट्रेन के दो खाली डिब्बे पटरी से उतरे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी पटना में जिम के गेट पर झोले में मिली नवजात: मच्छरों से सूजा चेहरा देखकर जिम ऑनर ने गोद लिया, नाम रखा ‘एंजल’
1st Bihar Published by: Updated Sun, 30 Jan 2022 06:28:48 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: पटना हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों औऱ अधिकारियों के निलंबन को लेकर बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी अधिकारी या कर्मचारी को लंबे समय तक निलंबित नहीं रखा जा सकता है. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि अगर निलंबित कर्मी के खिलाफ लंबे समय तक जांच चल रही हो तो उसे निलंबन मुक्त करना होगा.
पटना हाईकोर्ट में जस्टिस पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने ये फैसला सुनाया है. दो दिन पहले इस मामले में फैसला सुनाया गया है. हाईकोर्ट में एक निलंबित अंचलाधिकारी राकेश कुमार ने याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया. अंचलाधिकारी राकेश कुमार के वकील अखिलेश दत्त वर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निलंबित कर्मी के विरुद्ध अगर लंबे समय तक जांच पूरी नहीं की जाती है, तो निलंबन को रद्द करना होगा.
दरअसल अचंलाधिकारी राकेश कुमार बक्सर जिला के राजपुर ब्लॉक में तैनात थे. लगभग साढ़े पांच साल 2016 में उन्हें घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद सरकार ने उन्हें 16 दिसंबर, 2016 को निलंबित कर दिया था. राकेश कुमार 23 मार्च, 2017 को जेल से जमानत पर छूट कर आये औऱ सरकार के आदेश के मुताबिक निलंबन अवधि में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय में 25 मार्च, 2017 को अपना योगदान दे दिया गया था. राकेश कुमार पिछले पांच साल से भी ज्यादा समय से निलंबित हैं. सरकार ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी जो अब तक पूरी नहीं हुई है. इसके खिलाफ ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
अधिवक्ता अखिलेश दत्त वर्मा ने बताया कि पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजय कुमार चौधरी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में दिए गए निर्णय के आलोक में राकेश कुमार के के निलंबन की समीक्षा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ज्यादा से ज्यादा छह महीने के भीतर सीओ राकेश कुमार के खिलाफ चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही को पूरा कर लिया जाये. हाईकोर्ट ने अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रहे अधिकारी को ये भी जांच करने को कहा है कि क्या याचिकाकर्ता बढ़े हुए जीवन निर्वाह भत्ता के हकदार है या नहीं?