PATNA : पटना जिला परिषद में राजनीति किस कदर हावी है. इसका नमूना लगातार देखने को मिल रहा है. पटना जिला परिषद से संचालित होने वाली विकास की योजनाओं की रफ्तार ठप पड़ी है. सरकार ने पिछले दिनों पटना जिला परिषद की अध्यक्ष को फटकार लगाते हुए योजनाओं के चयन में शिथिलता बरतने पर नोटिस जारी किया था. इसके बाद कल यानि मंगलवार को पटना जिला परिषद की साधारण बैठक बुलाई गई. लेकिन इस बैठक में भी हंगामा ही होता रहा.
पटना के एसपी मेमोरियल हॉल में आयोजित जिला परिषद की साधारण बैठक में अध्यक्ष अंजू देवी और उनके विरोधी आमने सामने नजर आए. पंचायती राज विभाग के निर्देश पर जिन योजनाओं को लेकर फैसला होना था. वह मामला एक बार फिर अटक गया. बैठक में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. बैठक में योजनाओं के चयन को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष और डीडीसी आमने-सामने आ गए. एक तरफ जिला परिषद अध्यक्ष अंजू देवी या दावा करती रही कि वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 की योजनाओं को 33 सदस्यों के बहुमत के साथ बात कर दिया गया. तो वही डीडीसी ऋषि पांडे ने कहा कि बैठक मैं कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सका.
डीडीसी ऋषि पांडे के मुताबिक बैठक में कुल 51 सदस्य थे, जिनमें फुलवारी शरीफ और मसौढ़ी के विधायक भी मौजूद थे. इनमें से ज्यादातर सदस्यों ने योजनाओं पर चर्चा नहीं की. ऐसे ही स्थिति में बैठक में किसी प्रस्ताव को मान्यता नहीं दी जा सकती. 17 करोड़ की योजनाओं पर जिला परिषद अध्यक्ष और डीडीसी के बीच सहमति नहीं बन पाई.
ऐसा नहीं है कि अध्यक्ष अंजू देवी का मतभेद पहली बार किसी प्रशासनिक अधिकारी से सामने आया हो, इसके पहले पटना जिला परिषद के जो कार्यपालक पदाधिकारी रहे उनके साथ भी अंजू देवी की तनातनी देखने को मिलती रही है. कुल मिलाकर कहें तो एक बार फिर पटना जिला परिषद से जुड़ी विकास योजनाओं पर फैसला नहीं हो सका.