सरकार के दावे की खुली पोल, अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने के कारण गर्भवती महिला की मौत

सरकार के दावे की खुली पोल, अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने के कारण गर्भवती महिला की मौत

ARRAH:भोजपुर में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं रहने के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई है। इस घटना से गुस्साएं ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया और कार्रवाई की मांग की।


बताया जाता है कि महिला गर्भवती थी जिसे प्रसव के लिए भोजपुर के सहार सीएचसी लेकर परिजन पहुंचे थे। अस्पताल पहुंचने के बाद परिजनों ने डॉक्टर को बहुत ढूंढा लेकिन वे नदारद थे। जब अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला तब परिजन मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल जाने लगे लेकिन ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। 


महिला सहार थाना क्षेत्र के बरूही निवासी धर्मेंद्र साह की 30 वर्षीय पत्नी रीना देवी थी। समय पर उचित इलाज नहीं होने से उसकी मौत हो गयी। महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में शव के साथ प्रदर्शन किया। हंगामे की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष शिवेंद्र कुमार, सीओ दया शंकर झा और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. हरीश चंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे। 


अधिकारियों के सामने गुस्साएं ग्रामीणों ने कई घंटों तक शव को अस्पताल परिसर में रखकर हंगामा प्रदर्शन करते रहे। परिजनों का आरोप है कि जब मरीज को लेकर वे सहार सीएचसी आए थे तब कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने उसे आरा सदर अस्पताल रेफर नहीं किया। जब महिला की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो परिजन ऑटो में लेकर नारायणपुर स्थित एक निजी क्लीनिक ले जाने लगे लेकिन जहां रास्ते में ही महिला की मौत हो गयी। 


परिजन शव को लेकर घर चले गये। और सुबह में जब घटना की जानकारी ग्रामीणों को मिली तब शव को लेकर ग्रामीण सीएचसी सहार पहुंच गये और हंगामा करने लगे। मृतका के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में महिला डॉक्टर तक नहीं रहती है और जिस डॉक्टर की ड्यूटी रहती है वो भी अस्पताल से गायब रहता है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है।