PATNA : बिहार सरकार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. शराब ढूंढने के काम में पुलिस प्रशासन तो लगा ही है अब सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ साथ शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज के सेवकों को शराब ढ़ूढ़ने के काम में लगाने का आदेश जारी कर दिया है. किसका अब विरोध हो रहा है.
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य भर के सरकारी स्कूलों के लिए ये आदेश जारी कर दिया है. लेकिन उसके इस आदेश के बाद बवाल मच गया है. बिहार में शराबबंदी की जिम्मेदारी शिक्षकों को मिलने पर शिक्षक संघ में रोष है. बिहार परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने सरकार से गैर शैक्षणिक कार्यों से टीचरों को मुक्त करने की मांग की है. इसके विरोध में कल प्रदेशभर में शिक्षक सड़क पर उतरकर इसका विरोध करेंगे.
आदेश से आक्रोशित शिक्षकों ने राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि कभी खुले में शौच रोकने के लिए आदेश दिया जाता है तो शराबियों को पकड़ने के लिए आदेश दे दिया जाता है. शिक्षकों का कहना है कि अब टीचर सभी जिलों में आदेश की प्रतियां जलाने के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. शिक्षक संगठनों का कहना है कि अगर आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो राज्य में हर स्तर से विरोध किया जाएगा.
शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग ऐसा आदेश जारी कर परेशान करता है. शिक्षा विभाग ने पहले बोरा बेचने का आदेश दिया. शिक्षकों को बोरा तक बेचने का शर्मनाक आदेश जारी कर दिया गया. विभाग ऐसा तुगलकी फरमान जारी करता है, जिससे शिक्षण कार्य ही प्रभावित हो रहा है. टीचरों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. संगठनों का कहना है कि पूर्व में खुले में शौच के लिए आदेश जारी कर दिया गया. संगठनों ने आंदोलन को लेकर राज्य के सभी शिक्षकों से एकजुट होने की अपील की है.
TET-STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता, अश्विनी पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब फरमान है. गुरुजी अब बिहार में शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस की तरह कैसे काम कर सकते हैं. उनका कहना है कि बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी बिहार के शिक्षकों को सपरिवार मौत की भट्ठी में झोंकने का काम कर रहे हैं. जिन शराब माफियाओं का सरकार की पुलिस और खुफिया विभाग कुछ नही बिगाड़ पाई, उनका हम निरीह शिक्षक क्या बिगाड़ पाएंगे. उल्टे सपरिवार जान का खतरा बढ़ जाएगा.
इधर, टीचरों को शराबबंदी की जिम्मेदारी पर कांग्रेस ने भी तंज कसा है. कांग्रेस ने कहा कि जो काम बिहार पुलिस नहीं कर सकी वो तेचार कैसे करेंगे. तेचार का काम शराब और शर्बैयों को पकड़ना नहीं है. सरकार ऐसे फरमान से शिक्षकों को अपमान कर रही है.
वहीं बिहार के मंत्री नितिन नबीन और नीरज कुमार बबलू ने सरकार के इस फरमान का समर्थन किया है. नितिन नविन ने कहा कि बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अगर शिक्षकों को भी जिम्मेदारी दी गई है तो यह सही है. शराब समाज के लिए गलत है और इसे रोकने में सरकार का सहयोग करना सभी कीई जिम्मेदारी है.
वहीं नीरज कुमार बबलू ने कहा कि शिक्षक के सहयोग करने पर शराबबंदी सफल होगा. शिक्षकों को अगर जिम्मेदारी दी है तो यह गलत नहीं है. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सभी को मदद करना जरूरी है. सबके सहयोग से शराबबंदी कानून सफल होगा.
बता दें कि बिहार में नीतीश सरकार ने पूरे सूबे की पुलिस को शराब ढूढ़ने के काम में लगा रखा है. उसके अलावा मद्य निषेध औऱ उत्पाद विभाग का लंबा चौड़ा दस्ता शराब रोकने के लिए लगा है. शराब रोकने के लिए नयी-नयी बहाली हो रही है. लेकिन सरकार की सारी कवायद फेल है.
लिहाजा अब सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ साथ शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज के सेवकों को शराब ढ़ूढ़ने के काम में लगाने का आदेश जारी कर दिया है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य भर के सरकारी स्कूलों के लिए ये आदेश जारी कर दिया है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने पूरे राज्य के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है.