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GAYA: बिहार में सात साल से पूर्ण शराबबंदी है। यहां शराब पीना और बेचना दोनों मना है। इस कानून का पालन नहीं करने पर सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद आए दिन लोग शराब पीते और बेचते पकड़े भी जा रहे हैं। शराबबंदी को लेकर बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का बड़ा बयान सामने आया है। यह बयान उन्होंने गया के वजीरगंज स्थित पतेड़ मंगरावा गांव के महादलित टोले में दिया है।
महादलित टोले के लोगों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दारू के नाम पर पुलिस और एक्साइज विभाग के लोगों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है। उन्होंने लोगों से साफ तौर पर यह कह दिया है कि जो ताड़ी, दारू और बालू से बैन हटाएगा उसी को वोट देना।
जीतनराम मांझी ने आगे कहा कि आज भी कई लोग शराब चोरी छिपे पीते हैं। आईएएस, आईपीएस, मंत्री,विधायक,ठेकेदार ये लोग ब्रांडेड शराब पीते हैं। ये लोग रात के 10 बजे के बाद पीना शुरू करते हैं यह बात क्या लोग नहीं जानते हैं। उन्होंने महादलित बस्ती के लोगों से कहा कि जो भी गरीब मजदूर शराब पीता है वो भी 10 बजे रात के बाद ही पिये और सुबह में अपने काम पर निकल जाए। जो शराब चालू कराये उसी को वोट दो।
मांझी ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को जुर्म ढाया जा रहा है। अभी तक इस कानून के लागू होने से साढ़े तीन लाख लोग पकड़े जा चुके हैं जो मजदूरी करके घर लौट रहे थे। घर लौटने के दौरान उन्होंने ढाई सौ ग्राम शराब पी ली थी। इनका कसूर बस इतना था कि इन्होंने शराब पी थी। इनसे जुर्माना लिया गया और जो जुर्माना नहीं दिये उन्हें जेल भेज दिया गया। इस तरह का कानून की जरूरत बिहार में नहीं है ऐसा कानून बंद होना चाहिए।