शराबबंदी पर फिर बोले मांझी..बिहार में नहीं रहने देंगे शराबबंदी, गुजरात के पैटर्न पर करेंगे लागू

शराबबंदी पर फिर बोले मांझी..बिहार में नहीं रहने देंगे शराबबंदी, गुजरात के पैटर्न पर करेंगे लागू

PATNA: बिहार में सात साल से पूर्ण शराबबंदी है इसे लेकर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक व बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। शराबबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी  का स्टैंड अलग है और भाजपा का अपना स्टैंड है। इसमें हमारे गठबंधन का कोई मामला नहीं है। नशाबंदी का कानून जब से बना है तब से गरीबों को घाटा हो रहा है।


उन्होंने आगे कहा कि गरीब शराब पीते हैं तो जेल जाते हैं और रात में दस बजे के बाद लाखों लाख रुपये का शराब औरत और मर्द पीते हैं तो उनको कोई नहीं पकड़ता। हम चाहते हैं कि उनको भी पकड़ा जाना चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारा अपना स्टैंड हैं कि हम शराबबंदी नहीं रहने देंगे। यदि रहेगा भी तो गुजरात पैटर्न पर शराबबंदी करेंगे जिससे किसी को कोई घाटा नहीं होगा। 


वही जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट पर अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए मांझी ने कहा कि मुस्लिम और कुछ जातियां का गलत आंकड़ा बिहार सरकार ने पेश किया है। यह आंकड़ा पेश कर पिछड़े समाज की हकमारी की गई है। जबकि लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर मांझी ने कहा कि अभी समय नहीं आया है समय आने पर सब क्लियर हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार काम के बल पर नहीं स्टंट के बल पर चुनाव जीतते हैं। जो आदमी काम नहीं करता है वही स्टंट का सहारा लेता है।


 नीतीश कुमार महिला और दलित पर टिप्पणी करके फंस गये हैं अब उनको एक ही स्टंट लगता है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का मुद्दा बनाए। वो जानते हैं कि पत्थर में माथा फोड़ेगे तब माथा ही फूटेगा पत्थर नहीं टूटेगा। जब वो जानते हैं कि चौदहवी वित्त आयोग, रघुराज राजन कमिटी और नीति आयोग ने कह दिया है कि विशेष राज्य का दर्जा का कंसेप्ट ठीक नहीं है इसे नहीं लाना चाहिए। जब ये बाते हो चुकी है तब नीतीश के कहने से विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने वाला है। सच्चाई यही है कि भारत सरकार नीतिगत निर्णय में किसी को अब विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने जा रही है तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कैसे मिलेगी। 


जीतन राम मांझी ने लालू और नीतीश को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये बड़े भाई और छोटे भाई बिहार में 33 साल तक राज किया। ये दोनों मिलकर जनता को मुर्ख बनाया है। 33 साल में भी इन्होंने गरीबी दूर नहीं की। बिहार को गरीब राज्य बता ये अब केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। करोड़ों लोग ऐसे हैं कि जिनको दोनों शाम भोजन तक नहीं मिल पाता है। ये तो कलंक है ये लोग संवेदनशील होते तो स्वत इनलोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए था। 


33 साल तक ये लोग क्या कर रहे थे यह बड़ा सवाल है। ये दोनों भाई बिहार के विकास के लिए 33 साल क्या किये। नया म्यूजियम बनाने की कोई जरूरत नहीं थी लेकिन 3300 करोड़ रुपया खर्च कर दिया गया अभी भी काम चल रहा है। एक म्यूजियम को दूसरे से अंडरग्राउंड रास्ते से जोड़ा जा रहा है इससे गरीबों को क्या फायदा होगा। गरीबों को पहले दो सौ रुपया पेंशन दिया जाता था जीतन राम मांझी ने 400 रुपया किया वही 400 आज भी मिल रहा है। गरीबों का पेंशन सरकार ने आज तक नहीं बढ़ाया। गरीब लोग 400 रुपये में कैसे जीएंगे। बिहार में भ्रष्टाचार में सब पैसा जा रहा है।