PATNA: पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने यह जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शराबबंदी को लेकर बिहार में सर्वेक्षण शुरू होने वाला है इसे लेकर डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। जल्द ही सर्वेक्षण का काम एजेंसी को दिया जाएगा और बिहार में सर्वे कराया जाएगा। सर्वेक्षण में किन-किन मापदंडों पर सवाल पूछा जाएगा इसे लेकर मंथन चल रहा है। सर्वेक्षण में जनता का जो सुझाव होगा उसे अमल में लाया जाएगा।
पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने मीडिया से लगातार यह कहते नजर आ रहे है कि बिहार में शराबबंदी खत्म होनी चाहिए। जीतन राम मांझी सरकार से यह मांग करते दिखते हैं कि बिहार में शराबबंदी खत्म होनी चाहिए। मांझी की इस मांग पर जेडीयू ने उन्हें जवाब दिया है। मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि हकीकत यह है कि जीतन राम मांझी ने कभी इसके पक्ष में वोट डाला था। बिहार में शराबबंदी हो इसके समर्थन में वो भी खड़े थे। जब तक जेडीयू एनडीए के साथ थी तब तक शराबबंदी के साथ मांझी भी थे। अब जेडीयू एनडीए में नहीं है तब मांझी भाजपा के गोद में जा बैठे हैं। इसलिए शराबबंदी के खिलाफ वे बोल रहे हैं। बीजेपी जो निर्देश देती है वही मांझी करते हैं।
वही बनारस में जेडीयू की रैली और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बनारस दौरे पर उठ रहे सवाल पर मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि हिंदुस्तान एक ऐसा देश है जहां कोई भी आदमी कहीं भी जा सकता है और कही भी चुनाव प्रचार कर सकता है। जेडीयू पार्टी भी बनारस में चुनाव प्रचार और रैली करेगी। मंत्री सुनील कुमार से जब पूछा गया कि नीतीश कुमार क्या बनारस से चुनाव लड़ेंगे? मीडिया के इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि कोई कही से भी चुनाव लड़ सकता है किसी को ऐसा करने पर रोक नहीं है। उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा। मीडिया ने पूछा कि भाजपा के नेता कह रहे है की जेडीयू वाले बनारस शराब पीने जा रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि यह तो नीच राजनीति है।
वही मणिपुर में शराबबंदी हटाए जाने के सवाल पर मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि मणिपुर की सामाजिक व्यवस्था है वहां के लोगों की सोच के अनुसार सरकार ने काम किया है। मणिपुर की सरकार ने शराबबंदी को चालू किया है। मणिपुर सरकार के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते लेकिन इतना कह सकते हैं कि बिहार सरकार ने शराबबंदी को लेकर जो फैसला लिया है वह लगातार जारी है और आगे भी जारी रहेगा।
बिहार में जब से शराबबंदी हुई तब से यहां के लोगों की जीवनशैली में बहुत सुधार हुआ है। छेड़खानी की घटनाएं कम हुई है। दूसरे राज्यों से भी 6000 से ज्यादा गिरफ्तारियां अब तक हो चुकी है। जो शराब के बड़े सप्लायर है सरकार उन पर भी शिकंजा कस रही है। जहरीली शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुई है उनके आश्रित को सरकार चार लाख रुपए मुआवजा दे रही है।
मीडिया ने जब मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस है वहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है क्या यह सही बात है? इस सवाल का जवाब देते हुए सुनील कुमार ने कहा कि इस पर कोई रोक है क्या? कोई कही से चुनाव लड़े रोक कही नहीं है। समय आने पर इंडिया गठबंधन और नीतीश कुमार सही निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी से बिहार की महिलाओं को बहुत फायदा मिला है। शराबबंदी को जारी रखने के लिए फीडबैक मिला था। 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का समर्थन पहले मिला था। महिलाओं ने तो 95 प्रतिशत समर्थन दिया था। शादी और त्योहारों में अब कोई हंगामा कोई नहीं करता। इस एक्ट को दोनों सदनों में पास कराया गया। अब घर-घर तक सर्वेक्षण होगा। लोगों से डिटेल में जानकारी ली जाएगी। सर्वेक्षण से पता चलेगा कि शराबबंदी को लेकर लोग और क्या चाहते है इसका पता चलेगा। समय-समय पर शराबबंदी में आवश्यकता अनुसार संशोधन भी किया गया।