शराबबंदी कानून को रफा-दफा करवाएंगे मांझी, नीतीश पर हमला बोलते हुए कर दिया बड़ा दावा

 शराबबंदी कानून को रफा-दफा करवाएंगे मांझी, नीतीश पर हमला बोलते हुए कर दिया बड़ा दावा

PATNA: बिहार में करीब 8 साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी आए दिन शराबबंदी पर सवाल उठाते रहते हैं। पटना में आयोजित हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पंचायत स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के मौके पर मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि इस तरह से जिद्दी नहीं बनना चाहिए। बल्कि शराब नीति का सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए और इसकी समीक्षा भी होनी चाहिए। 


यह मांग हम आज से नहीं कर रहे हैं। कई बार हमने यह मांगे रखी है लेकिन इस पर अमल नहीं होता। यही हमारी मांगे सुनेंगे तो ठीक है। यदि ऐसा करेंगे तो हम लोग धन्यवाद देंगे। लेकिन यदि ऐसा नहीं करते हैं को हम आमलोगों से प्रार्थना करते हैं कि हमलोग जितना सीट से लड़े हमारी पार्टी के लोगों को जिताईए। यदि 40 नहीं 20 भी जीतकर आते हैं तो हम दावे के साथ कहते है कि इस कानून को हम रफा दफा करवा देंगे।


पटना में आयोजित हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पंचायत स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए गया, मुंगेर, लखीसराय, जहानाबाद सहित कई जिलों से लोग पटना पहुंचे थे। इनमें गया से आ रहे कुछ लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया और गाड़ी भी जब्त कर लिया। इन लोगों में कुछ शराब पिये हुए थे। इस बात की जानकारी मांझी ने दी। कहा कि गया से कुछ साथी पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना आ रहे थे। हो सकता है कि एगो दूगो दारू पी लिया होगा। 


जिस गाड़ी से वे लोग पटना आ रहे थे उस गाड़ी को पुलिस ने जब्त कर लिया और केस दर्ज किया। इन्ही सब मामलों को देखते हुए हमारा कहना है कि शराब नीति की नीतीश कुमार समीक्षा करें। शराबबंदी गलत है यह बिहार में नहीं लागू होना चाहिए। यूपी, राजस्थान, झारखंड, गुजरात में शराबबंदी पर कोई पाबंदी नहीं है। इन राज्यों में लोग शराब पीते हैं और सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता है। हम कहते हैं उसी मॉडल को अपनाईए। उसी की तरह कीजिए। सरकार को आमदनी होगी और जो पीना चाहते हैं वो हिसाब से पीयेंगे और सब काम होता रहेगा। 


मांझी ने कहा कि पुलिस व्यवस्था के लोग हमारे लोगों को बहुत तंग करते हैं। 3 लाख लोग जेल में है या फिर कानूनी कार्रवाई के चक्कर में पड़े हुए है। नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर जिद्दी नहीं बने। हमारी उम्र 80 साल हो गयी है लेकिन आज तक हमने शराब को हाथ तक नहीं लगाया है। जबकि हमारे यहां शराब बनता था। हमारे माता-पिता खुद शराब पीते थे। लेकिन हम आज तक शराब नहीं पिये हैं।


 उस समय कौन सा कानून था? उस वक्त इस तरह का कोई कानून नहीं था इसके बावजूद हम शराब नहीं पीते थे। मांझी ने नीतीश से कहा कि इसलिए वैसे ही आप भी समाज में चेतना जगाइए। शराब को पूरी तरह से बंद करने से कुछ नहीं होने वाला है। लोगों को जागरूक कीजिए कि वो शराब ना पिये। गुजरात में परमिट के अनुसार शराब मिलता है। उसी तरह की व्यवस्था बिहार में कराया जाना चाहिए।


मांझी ने आगे कहा कि ताड़ी को प्राकृतिक जूस कहा जाता है। एक बार हम बीमार पड़ गये गरीब थे। इलाज के लिए पैसा नहीं था तब हमारे बाबू जी ने कहा कि बीमारी हम ठीक कर देंगे। 8 रोज खजूर की ताड़ी हमकों उन्होंने पिलाया और बीमारी ठीक हो गया। ताड़ी औषधि है इसे भी आज बंद करा दिया गया। इसमें लाखों लाख लोग लगे हुए थे आज सभी बेकार हो गये। बहुत मुश्किल से उनका घर चल रहा है। 


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतनराम मांझी आए दिन अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार भी बिहार की राजनीति को लेकर उन्होंने बड़ा बयान दिया है। अपने ही गठबंधन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। जीतनराम मांझी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने मुझे सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था। लेकिन मैंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव का साथ नहीं दिया। वही दूसरे के चक्कर में पड़कर नीतीश कुमार ने मुझे गठबंधन से बाहर कर दिया था। लेकिन हमने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया। जिस तरह नीतीश ये बात कहते थे उसी तरह हम भी यह बात दावे से कहते हैं। 


जीतनराम मांझी ने आगे कहा कि एनडीए बहुमत के साथ 125 सीट पर था  जिसमें  चार विधायक हमारे थे। यदि हमारे चारों विधायक हट जाते तो सरकार गिर जाती लेकिन हम मैदान से नहीं हटे। और इनके जो 10 विधायक भागने वाले थे वह भी हमारे कारण नहीं भागे। नीतीश कुमार बार-बार यह कहते हैं उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाया है। अब हम भी दावे के साथ कह सकते हैं नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री हमने बनाया है। बहुमत साबित करने के दौरान हमने अपने विधायकों का साथ दिलाया जिसके कारण नीतीश की कुर्सी बच गयी। इसलिए हम कहते हैं कि नीतीश को मुख्यमंत्री हमने बनाया।