शराब के लिए क्या-क्या जुल्म? पुलिस ने दारू पकड़ने के लिए दौड़ाया कुत्ता, घबराकर नदी में कूद गये वृद्ध, दो दिन बाद मिली लाश

शराब के लिए क्या-क्या जुल्म? पुलिस ने दारू पकड़ने के लिए दौड़ाया कुत्ता, घबराकर नदी में कूद गये वृद्ध, दो दिन बाद मिली लाश

KAHAGARIA: शराब के नाम पर बिहार में सामने आ रहे पुलिसिया कारनामों की फेहरिश्त में एक और काला पन्ना जुड़ गया है। खगड़िया में बूढी गंडक नदी में आज 60 साल के ईश्वर यादव का शव मिला। ईश्वर यादव ने दो दिन पहले गंडक नदी में छलांग लगा दी थी। उनके परिजन चीख चीख कर कह रहे हैं कि पुलिस ने शराब पकड़ने के लिए कुत्ता दौड़ाया था। उसी कुत्ते से घबराकर ईश्वर यादव ने नदी में छलांग लगा दी थी। हालांकि पुलिस इस आरोप को बेबुनियाद करार दे रही है।


खगड़िया के नगर थाना क्षेत्र के दान नगर के पास बूढ़ी गंडक नदी में डूबे वृद्ध का शव गुरुवार को दोपहर में बरामद किया गया.  वृद्ध ईश्वर यादव 2 दिन पहले गंडक नदी में डूबे थे. उनके डूबने की खबर मिलने के बाद SDRF गंडक नदी में तलाशी कर रही थी. गुरूवार को शव मिला, जिसकी पहचान दान नगर के बुकर यादव के 60 वर्षीय बेटे ईश्वर यादव के रूप में की गयी है. 


परिजन बोले-पुलिस के कारण हुई मौत

ईश्वर यादव का शव मिलने के बाद उनके परिवार में कोहराम मचा है. घर के लोगों ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को ही गंडक नदी में छलांग लगा दी थी. उसके बाद से उनकी तलाश की जा रही थी. परिजनों ने बताया कि मंगलवार को पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम शराब पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम अपने साथ कुत्ते को लेकर आयी थी. उस कुत्ते को खुला छोड दिया गया. खतरनाक कुत्ते से घबराकर ईश्वर यादव ने नदी में छलांग लगा दी थी. 


हम आपकों बता दें कि नीतीश सरकार ने शराब पकड़ने के लिए कुत्तो को ट्रेंड कराया है. कुत्तों को खास तौर पर ट्रेनिंग दिलायी गयी है कि वह सूंघ कर शराब का पता लगा ले. इन कुत्तों का उपयोग शराब पकड़ने के लिए की जाने वाली छापेमारियों में किया जा रहा है. 


पुलिस बोली-आरोप गलत

उधर खगडिया पुलिस ईश्वर यादव के परिजनों के आरोपों को गलत करार दे रही है. उत्पाद विभाग और खग़ड़िया नगर थाना पुलिस का कहना है कि ऐसी कोई छापेमारी ही नहीं हुई थी. जबकि उस इलाके के लोग कह रहे हैं कि मंगलवार को पुलिस कुत्ते के साथ छापेमारी के लिए आय़ी थी. लेकिन खगडिया नगर थाना के थानेदार रामस्वार्थ पासवान ने दावा किया है कि पुलिस उस दिन किसी भी तरह की छापेमारी के लिए दान नगर नहीं गई थी. थानेदार ने कहा कि पुलिस पर गलत आरोप लगाया जा रहा है.