शराब के बहाने गया के महादलित बस्ती पर जुल्म की बर्बर कहानी: रात में आती है पुलिस, महिलाओं तक को पीटती है, कुछ बरामद नहीं होता

शराब के बहाने गया के महादलित बस्ती पर जुल्म की बर्बर कहानी: रात में आती है पुलिस, महिलाओं तक को पीटती है, कुछ बरामद नहीं होता

GAYA: शराबबंदी के नाम पर नीतीश कुमार की पुलिस कौन-कौन से जुल्म कर रही है इसकी दास्तां गया के एक महादलित टोले के लोगों से जानिये। गया के पास बोधगया के नीमा महादलित टोले के लोग पुलिसिया जुल्म से त्राहिमाम कर रहे हैं. शराब की छापेमारी के नाम पर पुलिस आये दिन इस महादलित बस्ती में पहुंचती है। लोग कहते हैं कि पुरूषों की कौन कहे पुलिस महिलाओं तक को पीटती है। ये सब तब होता है जब इस टोले से अब तक शराब की एक बूंद तक बरामद नहीं हुई है। 


महादलित होना अपराध है क्या?

गया के इस महादलित टोले में गुरूवार को मीडिया की टीम पहुंची. महादलितो ने पुलिस जुल्म की कहानी सुनाते हुए कहा कि महादलित होना अपराध है क्या? पुलिस बेरहमी से पीट रही है, लोगों को उठाकर थाने ले जा रही है. और तो और पुलिस हवाई फायरिंग करके भी लोगों को डरा रही है. ये हाल तब है जब जिन घरों में पुलिस छापेमारी करती है वहां न तो शराब मिलती है न ही शराब के नशे में कोई व्यक्ति. पुलिस गांव के लोगों को पकड़ थाने ले जाकर ब्रेथ एनालाइजर से जांच भी करती है, तो नशे में होने की पुष्टि नहीं होती।


कल रात भी हुआ जुल्म

बुधवार की रात भी गया के इस महादलित टोले पर पुलिस का कहर बरपा. बोधगया पुलिस बडी संख्या में वर्दीधारियों के साथ नीमा गांव के महादलित टोला में रात के करीब 12 बजे घुसी. गांव के लोग बता रहे हैं कि पुलिसकर्मियों ने घरों में घुसकर जमकर उत्पात मचाया. बंद घरों को खुलवाकर तलाशी ली गयी. जिस किसी ने एक शब्द भी बोला उस पर बेरहमी से लाठियां बरसायी गयी. कई घरों के दरवाजे भी तोड़ दिए गये। 


नीमा महादलित टोले के सूरज ने कहा कि पुलिस बेरहमी से पिटाई कर रही है. पुलिस की लाठी से घायल लोगों की कराह और चीख-पुकार सुनकर पूरे गांव के लोग जाग गये. गांव के लोगों को लगा कि रात में चोर घुस आये हैं. लिहाजा चोर-चोर का शोर हुआ. इसके बाद तो पुलिस ने और क्रूर रूप दिखाया. पुलिस ने जिसे जहां पाया, वहीं पर उसकी जमकर पिटाई की. पुलिसिया जुल्म को देखकर आक्रोशित हुए गांव के लोगों को पुलिस ने हवाई फायरिंग खदेड़ दिया।


नीमा महादलित टोले के सूरज ने बताया कि पुलिस ग्रामीण बिरजू मांझी को पकड़ कर अपने साथ ले गयी। उसे थाने ले जा कर ब्रेथ एनालाइजर से चेक किया गया लेकिन वह शराब के नशे में नहीं पाया गया. लिहाजा पुलिस को उसे छोड़ना पड़ा. पुलिस को पूरे गांव में न तो शराब की एक बूंद मिली और ना ही शराब के नशे में कोई आदमी मिला। 


पटना से आदेश था इसलिए गये

उधर इस वाकये को लेकर मीडिया ने बोधगया थाने के थानेदार से बात की. बोधगया थानाध्यक्ष रुपेश कुमार ने बताया कि पुलिस को पटना के एक्साइज कंट्रोल रूम से न सिर्फ सूचना दी गयी थी, बल्कि कार्रवाई का आदेश भी दिया गया था. पटना से मिली खबर के बाद ही बोधगया थाने की पुलिस नीमा महादलित टोले में गयी थी. थानेदार ने मारपीट की घटना से इंकार किया. लेकिन इतना जरूर स्वीकारा कि पहले भी उस गांव में शराब की खबर पाकर पुलिस गयी थी. लेकिन वहां कुछ बरामद नहीं हुआ था