PATNA : बिहार में कोरोना महामारी की दूसरी लहर लोगों की जिंदगियां छीन रही है. प्रतिदिन दर्जनों लोगों की जान जा रही है. राज्य सरकार की व्यवस्था पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. अब उनके साथी भी कोरोना के सामने बेबस नजर आ रहे हैं. नीतीश के नाइट कर्फ्यू के फैसले पर सवाल उठा चुके बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि सुविधाएं खत्म हो रही हैं. स्थिति यह है कि जो मेरे करीबी डॉक्टर मित्र हैं, उन्होंने अब फोन उठाना बंद कर दिया है. संजय जायसवाल की इस टिप्पणी पर आरजेडी ने तंज कसा है.
दरअसल संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि "पिछले कुछ दिनों में कुछ अपनों को और बहुत सारे अपनों के अपनों को खो चुका हूं. खासकर दिल्ली में चाह कर भी बिहार के लोगों की अब मदद नहीं कर पा रहा हूं. स्थिति यह है कि जो मेरे करीबी डॉक्टर मित्र हैं, उन्होंने अब फोन उठाना बंद कर दिया है. क्योंकि वह भी बेचारे चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रहे."
उन्होंने लिखा कि "अभी तक चंपारण में हम लोगों ने बेड और ऑक्सीजन की प्रशासन के साथ मिलकर पूरी व्यवस्था कर रखी है. पर अब वहां भी सुविधाएं खत्म हो रही हैं. बेतिया में 90 बेड और बढ़ाने का प्रयास हम लोग कर रहे हैं और सफल भी हो जाएंगे. लेकिन दुखद स्थिति यह है कि पश्चिम चंपारण में जहां पॉजिटिविटी रेट 30% पहुंच चुकी है, फिर भी ज्यादातर लोग समझने को तैयार नहीं हैं. शादी हो या श्राद्ध सब वैसे ही बुलाने और आने के लिए परेशान हैं."
"विश्व में आज भी करोना का कोई इलाज नहीं है और जो भी दवाइयां उपलब्ध हैं. वह सब बीमारी को नहीं बल्कि बीमारी से होने वाली जटिलताओं को ठीक करने का प्रयास करती हैं. गुरूवार को स्वस्थ्य मंत्री मंगल पांडे से मिलकर चंपारण की स्थितियों के बारे में विस्तृत चर्चा हुई. हमारी बहुत सी समस्याओं का निदान भी उन्होंने निकाला. अभी भी हमारे पास ऑक्सीजन वाले कुछ बेड बगहा ,नरकटियागंज रक्सौल, मोतिहारी और बेतिया डीसीएच में मौजूद हैं. आज भी करोना का सिर्फ एक शर्तिया इलाज है, मास्क पहनना और 2 गज दूरी बरकरार रखना. बचाव आप नहीं करते हैं पर सजा पूरे परिवार को भोगनी पड़ती है. मैं खुद भी इसका भुक्तभोगी पिछले साल जुलाई में हो चुका हूं."
संजय जायसवाल की इस टिप्पणी पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि "उनका यह ज्ञान कहां था जब BJP ने बंगाल चुनाव में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई थीं. संजय जायसवाल तो डॉक्टर भी हैं, उनको इसकी भयावहता का अंदाजा होना चाहिए था. चुनाव प्रचार करते हुए कोरोना दिखाई नहीं दे रहा था, अब जब स्थिति खराब हो रही है तो मजबूरी का रोना रो रहे हैं. बिहार की स्थिति को खराब करने में BJP, केंद्र सरकार और बिहार के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. इन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी."