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1st Bihar Published by: RANJAN Updated Sat, 01 Oct 2022 02:38:00 PM IST
SASARAM: सासाराम के चंदन पहाड़ी स्थित महान मौर्य सम्राट अशोक के एक एतिहासिक शिलालेख को मजार में बदलने का प्रयास किया गया। बता दें कि पूरे देश में अशोक के ऐसे 8 शिलालेख हैं जिनमें से एक बिहार के सासाराम में है। शिलालेख को मुक्त करने के लिए आज बीजेपी ने सासाराम में महाधरना दिया। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में धरना का आयोजन हुआ। इस दौरान पूरे इलाके को छावनी में तब्दिल कर दिया गया।
शिलालेख के मुद्दे को लेकर बीजेपी महागठबंधन की नई सरकार को महाधरना के माध्यम से घेरने का काम कर रही है। जल्द से जल्द इस शिलालेख को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए यह मांग विपक्षी पार्टी बीजेपी कर रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि पिछले 2300 साल से शीलालेख था लेकिन जब लालू नीतीश की सरकार बनी, तब से शिलालेख पर तालाबंदी कर दी गई। सम्राट चौधरी ने कहा कि इन्हीं के कारण आज दूसरे समुदाय के लोगों ने शिलालेखों पर कब्जा कर तालाबंदी करने का काम किया है, जिससे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता जवाहर प्रसाद का कहना था कि इस शिलालेख को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए बिहार विधानसभा में भी आवाज उठायी गयी ती लेकिन इस मामले की अनदेखी की गयी। जब इसे लेकर धरना दिया गया तब यहां के डीएम ने धरना तक नहीं देने दिया। इस जगह को अब मजार में तब्दील कर दिया गया है। सरकार की लापरवाही के कारण ही आज एक विरासत मजार बन चुकी है।
सासाराम के समाहरणालय के समक्ष धरनास्थल ओझा टाउन हॉल के प्रांगण में महाधरना को संबोधित करते हुए सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार सरकार तुष्टीकरण की नीति को अपना रही है। जिसे जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस इस्लाम की उम्र ही सन 786 ई. से शुरू होती है। वह 2300 साल पुराने शिलालेख को चुनौती दे रही है।
उन्होंने कहा कि समय रहते यदि जिला प्रशासन सम्राट अशोक के शिलालेख को मुक्त नहीं कराती है तो आगे भी आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार को एक ज्ञापन भी खुद सौंपा। उन्होंने बताया कि प्रशासन से उन्हें आश्वासन मिली है कि त्यौहार का समय है। ऐसे में आने वाले कुछ समय के अंदर इसे मुक्त करा लिया जाए नहीं तो आंदोलन और तेज होगा। इस मौके पर एमएलसी संतोष सिंह समेत कई नेता महाधरना में शामिल हुए।