PATNA : बिहार में सत्ता की कुर्सी से दूर रहने के बाद तेजस्वी यादव अब विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा करने जा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने सोमवार को अपनी पार्टी की समीक्षा बैठक बुलाई है. इस बैठक में तमाम विधायकों और विधानसभा उम्मीदवारों के साथ इस बात पर चर्चा करेंगे कि आखिर पार्टी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकी. लेकिन समीक्षा बैठक के ठीक पहले आरजेडी में तेजस्वी यादव की नीतियों को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव में विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर जो बयान दिया, उसमें लालू यादव को याद करना नहीं भूले. भोला यादव ने दो टूक शब्दों में कहा कि लालू यादव अगर विधानसभा चुनाव के दौरान मौजूद होते तो प्रदर्शन कुछ और होता. भोला यादव के बाद अब आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है कि ने कहा है कि लालू यादव की कमी चुनाव के दौरान खली, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता.
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि लालू यादव की तुलना किसी से नहीं की जा सकती. भले ही तेजस्वी यादव ने कम वक्त में बड़ी उपलब्धि हासिल की हो लेकिन लालू यादव के रहने भर से सियासत का रंग बदल जाता है. सिद्दीकी और भोला यादव दोनों विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए. दोनों की विधानसभा सीटों को तेजस्वी यादव ने बदलने का फैसला किया था और दोनों ही चुनाव हार गए. अब लालू यादव के दोनों पुराने नेताओं को उनकी खूब याद आ रही है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी के हार के पीछे पार्टी का भितरघात बड़ा मसला रहा. दरभंगा के आरजेडी जिला अध्यक्ष ने उन्हें हराने की साजिश रची और वायरल ऑडियो से इसकी पुष्टि भी हुई. बाद में आरजेडी नेतृत्व में जिला अध्यक्ष के ऊपर एक्शन भी लिया और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन सिद्दीकी चुनाव हार गए.
विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद यह चर्चा रही कि जेडीयू के साथ जा सकते हैं. लेकिन फिलहाल वह इन कयासों को खारिज कर रहे हैं. लेकिन अब तेजस्वी की नीतियों पर सवाल उठना शुरू हो गया है. आरजेडी के पुराने नेता जिस तरह लालू यादव को याद कर रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान कौन-कौन से सवाल उठते हैं.