समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे RJD नेता, सम्राट चौधरी बोले- पंडित की कृपा से हुई लालू की सियासी उत्पत्ति

समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे RJD नेता, सम्राट चौधरी बोले- पंडित की कृपा से हुई लालू की सियासी उत्पत्ति

PATNA: बिहार में सत्ताधारी दल आरजेडी नेता और मंत्री पिछले कुछ दिनों से जिस तरह का बयान दे रहे हैं उससे राज्य का सियासी पारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सरकार में रहते हुए आरजेडी के नेता जाति और धर्म को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं। रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान देने के बाद अब आरजेडी कोटे से मंत्री बने आलोक मेहता ने भी खास जाति के लोगों को अपना निशाना बनाया है। मंत्री आलोक मेहता ने कहा है कि सवर्ण जाति के लोग अंग्रेजों की दलाली करते थे। मंत्री के इस बयान पर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है। विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि आरजेडी के नेता जाति और धर्म के नाम पर समाज और देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा बयान देने वाले आरजेडी नेताओं को पता होना चाहिए कि बिहार की सियासत में उनके नेता लालू प्रसाद की उत्पत्ति एक पंडित की कृपा से ही हुई है।


सम्राट चौधरी ने कहा है कि आरजेडी नेताओं द्वारा जिस तरह का बयान आजकल दिया जा रहा है इससे यह स्पष्ट हो गया है कि ये लोग जाति और धर्म के नाम पर समाज और देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आरजेडी का एक मंत्री देश के सैनिकों के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहा है तो दूसरा रामचरितमानस के साथ खिलवाड़ करना चाह रहा है और तीसरा मंत्री सवर्ण जाति के लोगों को अंग्रेजों का दलाल बता रहा है। ऐसा बयान देने वाले आरजेडी के मंत्रियों को यह पता होना चाहिए था कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद की उत्पत्ति तब हुई जब पंडित रघुनाथ झा की उनपर कृपा हुई थी। यही नहीं यदि पंडित चाणक्य नहीं होते तो सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त की उत्पत्ति भी नहीं हो सकती थी। बात चाहे देश की हो या बिहार की सभी का सहयोग लेकर ही कोई आगे बढ़ सकता है।


बता दें कि आरजेडी नेता और बिहार सरकार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को भागलपुर के गोराडीह प्रखंड अंतर्गत सालपुर पंचायत के काशील हटिया मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सवर्णों के खिलाफ जहर उगला था। मंत्री आलोक मेहता ने कहा था कि जिन्हें आज 10% में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजों के दलाल थे। इतना ही नहीं मंत्री ने सवर्ण जाति के खिलाफ जहर उगलते हुए यह भी कहा कि जो 10% लोग हैं उनके सामने जो आवाज उठाता था उनकी जुबान बंद कर दी जाती थी। उन्हें ईडब्ल्यूएस कहा जाता है यह दलित,शोषित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए उचित नहीं है।