BUXER : बिहार के बक्सर जिले के लोगों की आखें उस वक्त नम हो गई जब यहां के लाल और थल सेनामें हवलदार पर तैनात संजय कुमार चौबे का पार्थिव शरीरको तिरंगे में लिपटा हुआ उनके गांव पहुंचा। सेना की गाड़ी को देख लोगो भीड़ उमड़ पड़ी। सभी लोग इस शहीद जवान के शव की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। सेना के जवानों ने सम्मान के साथ कंधे पर उठाकर उनके शव को घर के दरवाजे तक ले गए। इस दौरान भारत माता की जयकारे से पूरा इलाका गूंज रहा रहा था।
दरअसल, जवान संजय कुमार की तैनाती जम्मू में थी और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। उनका इलाज कोलकाता में चल रहा था। जंहा उन्होंने अंतिम सांस ली। इनके शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में सन्नाटा छा गया। संजय मूल रूप से सदर प्रखंड के करहंसी पंचायत के जरीगांवा निवासी मैनेजर चौबे की इकलौते संतान थे, वो काफी मिलनसार प्रवृति के थे। वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
वहीं, जवान के शव पहुचने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि संजय बहुत ही व्यवहारिक और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। यह जब भी छुट्टियों में गाँव आते थे सभी से मिलजुलकर रहते थे। उनके अचानक चले जाने से गांव-समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। अब आर्मी जवान के साथी सैनिकों ने सम्मान के साथ पार्थिक शरीर को उनके पैतृक गांव जरीगवा गांव लाया।
इधर, जवान के श्मशान घाट शव यात्रा के दौरान भारत माता की जय, शहीद जवान अमर रहे के नारे लगते रहे। श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ सैनिकों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। जिसके बाद मृतक की पत्नी 10 वर्षीय पुत्री, 8 वर्षीय पुत्र और 6 वर्षीय पुत्र भी श्मशान घाट पर पहुंचे। संजय के पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी।