शहीद चंदन के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए तेजस्वी, मनीष कश्यप ने साधा निशाना, कहा-कुछ लोगों के लिए शहीदों से ज्यादा सेलिब्रेशन होता है

शहीद चंदन के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए तेजस्वी, मनीष कश्यप ने साधा निशाना, कहा-कुछ लोगों के लिए शहीदों से ज्यादा सेलिब्रेशन होता है

NAWADA: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए बिहार के लाल चंदन कुमार शहीद हो गये। शहीद सेना के जवान का पार्थिव शरीर 25 दिसंबर को उनेक पैतृक स्थान नवादा जिले के वारिसलीगंज स्थित नारोमुरार गांव में लाया गया था जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे थे लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। इसे लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप ने निशाना साधा है।


शहीद के परिजनों से मिलने पहुंचे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिन शहीद चंदन का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा था और अंतिम संस्कार किया जा रहा था तब कुछ लोगों के लिए शहीदों से ज्यादा सेलिब्रेशन होता है..वो अपना सेलिब्रेट कर रहे थे..दरअसल जिस समय शहीद के पार्थिव शरीर को नवादा लाया गया था और जिस वक्त शहीद चंदन का अंतिम संस्कार हो रहा था उस समय तेजस्वी यादव अपनी पत्नी और बेटी के साथ क्रिसमस का त्योहार मना रहे थे। जिसका वीडियो उन्होंने एक्स पर अपलोड भी किया था।


मनीष कश्यप ने लोगों से आगे कहा कि जब राजा के बेटा को राजा बनाएंगे तो प्रजा का दर्द कैसै समझ पाएंगा? हममें से किसी को चंद्रगुप्त मौर्य बनना होगा। हममे से किसी को चाणक्य बनना होगा। तभी कोई चाणक्य हाथ पकड़कर किसी चंद्रगुप्त मौर्य को सिंघासन पर पहुंचाएंगा तब जाकर बिहार का हालात बदलेगा। तब जाकर शहीदों,गरीबों, किसानों,युवाओं और बेरोजगारों का सम्मान सरकार कर पाएगी। मनीष कश्यप ने कहा कि अगर सरकार सम्मान ना करे तो झटका देना जरूरी है। देश के शहीदों का सम्मान नहीं करने वाले सरकार का हम भी सम्मान नहीं करेंगे। जब-जब चुनाव होगा, देश की जनता ऐसी सरकारों को सबक सिखाएगी।


बता दें नवादा के चंदन कुमार जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए थे। 26 वर्षीय चंदन चंदन 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे। करीब ढाई साल से वे जम्मू में पोस्टेड थे। 86 बटालियन इनफैंट्री में राइफल मैन के पद पर वे तैनात थे। चंदन को बचपन से ही सेना में जाने का मन था। वह देश की सेवा करना चाहता था। देश की रक्षा करते हुए वे वीरगति को प्राप्त हो गये।