सदन में गलत जवाब पर नीतीश सरकार की फजीहत, मंत्री जयंत राज विधानसभा में घिरे

सदन में गलत जवाब पर नीतीश सरकार की फजीहत, मंत्री जयंत राज विधानसभा में घिरे

PATNA : सदन के अंदर गलत जवाब देने के कारण राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने नीतीश सरकार की खूब फजीहत करा दी. दरअसल, विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में आज ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़े सवालों पर सरकार को जवाब देना था. कई सदस्यों ने ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़ी योजनाओं पर सवाल किया. इस दौरान कई बार ऐसे मौके आये कि विधायकों ने सदन में स्पष्ट कह दिया कि मंत्री जी का जवाब गलत है. उनके अधिकारी सही जवाब तैयार कर नहीं दे रहे और सवाल आम पूछा जाता है तो जवाब इमली मिलता है.


विधानसभा में सबसे पहले वाम दल के विधायक अजय कुमार ने मंत्री जी के जवाब पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि सवाल कुछ और किया गया लेकिन जवाब मधेपुरा जिले का सामने आ गया. इसको लेकर सदन में थोड़ी देर तक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई. मंत्री जी इसके बावजूद वही जवाब पढ़ते रहे जो लिखित में विधायक को दिया गया था. दूसरी बार आरजेडी के विधायक अनीता देवी ने विधानसभा में ही इस बात की चुनौती दी कि मंत्री जी गलत जवाब पढ़ रहे हैं.


आरजेडी विधायक अनीता देवी ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी मंत्री जी को गलत जवाब तैयार कर दे रहे हैं और मंत्री जी भी बगैर जानकारी लिए सदन को गुमराह कर रहे हैं. इसके बाद स्पीकर विजय कुमार सिन्हा भी इस मामले को लेकर गंभीर हो गए. उन्होंने मंत्री जयंत राजपूत को तत्काल जवाब और सवाल देख लेने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि सदन में विधायकों की तरफ से पूछे गए सवाल का सही सही जवाब आए.


हद तो तब हो गई जब बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद के एक सवाल के जवाब में मंत्री जयंत राज टालमटोल दिखाने लगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में खुद पहल की. दरअसल, मामला ग्रामीण पत्र योजना से जुड़े संवेदकों के खराब प्रदर्शन के बाद उनको प्रतिबंधित किए जाने से जुड़ा हुआ था. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री जयंत राज की क्लास लगा दी और यह कहा कि ऐसे अधिकारी जो संवेदकों के साथ लापरवाही में शामिल है उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाता है उसकी जानकारी भी चलते सत्र में मुहैया कराएं.




बता दें कि बजट सत्र के तीसरे दिन आज सुबह 11 बजे बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. सबसे पहले सदन में प्रश्नोत्तर काल लिए जा रहे हैं. इस दौरान अल्पसूचित प्रश्न और तारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से अलग-अलग के सदस्यों के सवाल हो रहे हैं और उस पर सदन में सरकार की तरफ से जवाब आ रहा है. प्रश्नोत्तर काल के बाद शून्यकाल की कार्यवाही होगी. शून्यकाल में सदस्यों की तरफ से तात्कालिक मुद्दे सदन में उठाए जाएंगे.