DESK : राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सारे गुजराती ठग वाले बयान पर सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने तेजस्वी यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले की अहमदाबाद कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद तेजस्वी को निचली अदालत में पेशी से छूट मिल गई है।
दरअसल, 4 नवंबर को अहमदाबाद के कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। जहां तेजस्वी के वकील ने बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि केस को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उसके बाद इस मामले पर 6 नवंबर को सुनवाई है। राजद नेता ने अपने वकील के माध्यम से गुजरात के अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में उपस्थिति से छूट मांगी, जिसने उन्हें उनकी कथित टिप्पणी "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" के लिए आपराधिक मानहानि मामले में 22 सितंबर को तलब किया था।
तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सीआरपीसी की धारा 406 के तहत एक याचिका दायर की है। जिसमें तेजस्वी यादव ने कहा कि वह एक कानून का पालन करने वाले नागरिक और बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और आमतौर पर पटना में अपने आधिकारिक पते पर रहते हैं। लिहाजा, वे अपनी जिम्मेदारियों के कारण इस अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते हैं। जिसमें आम जनता के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की देखरेख शामिल है। जो आगामी धार्मिक उत्सवों के मद्देनजर आवश्यक है।
आपको बताते चलें कि, मार्च 2023 में तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को लेकर बयान दिया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि- केवल गुजराती ही ठग होते हैं. बैंकों का पैसा कर्ज लेकर भागने वालों का कर्ज माफ किया जा रहा है। इसी बयान पर आपत्ति जताते हुए गुजरात के एक कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद की स्थानीय मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करा दिया। याचिकाकर्ता ने तेजस्वी के बयान को गुजरातियों की भवनाओं को आहत करने वाला बताया था।