रोक के बाद भी गया में आ रहे हैं पिंडदानी, टॉर्च की रोशनी में पितरों को मोक्ष दिला रहे है गयापाल पंडा

रोक के बाद भी गया में आ रहे हैं पिंडदानी, टॉर्च की रोशनी में पितरों को मोक्ष दिला रहे है गयापाल पंडा

GAYA : कोविड 19 के संक्रमण के रोकथाम व बचाव को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रसाशन ने इस बार पितृपक्ष मेला के आयोजन को रद्द किया है. इसके बाजूद गयापाल पंडा रात 3 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक सवेरा होने से पहले तक तीर्थयात्रियों को पिंडदान कराने में जुटे है. विष्णुपद मन्दिर के देवघाट पर  सुबह सुबह तीर्थयात्रियों का जमावड़ा दिखा, वहीं गयापाल पंडा पिंडदान कराने में लगे है.

 गया में आयोजित पितृपक्ष मेला के दौरान लाखों हिन्दू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने अपने पितरों के उद्धार के लिए श्राद्धकर्म,पिंडदान,तर्पण व कर्मकांडो को करते है.धार्मिक गंर्थों में ऐसी मान्यता है कि यंहा पिंडदान करने से कई कुलों का उद्धार के साथ साथ पितरों को मोक्ष व सद्गति की प्राप्ति होती है.वहीं भगवान श्री राम और सीता ने भी यहां अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किया था.

कोविड 19 के मद्देनजर जिला प्रसाशन के द्वारा पिंडदान पर रोक लगाई गई है.वहीं पिंडदान कराने वाले पंडा व तीर्थयात्रियों पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी जारी किया जा चुका है लेकिन इसके बाबजूद गयापाल पंडा कोरोना के संक्रमण को दरकिनार कर पिंडदान कराने में तथा तीर्थयात्री पिंडदान करते दिख रहे है. जिला प्रसाशन को इसकी जानकारी न हो इसके लिए अंधेरे में भी सभी कार्यो को निपटाया जा रहा है.

 नैनीताल से आये तीर्थयात्री ने बताया कि कोरोना के कारण सभी लोग प्रभावित हुए है. जिला प्रसाशन के द्वारा पिंडदान करने की इजाजत देनी चाहिए थी, चुकि अन्य मन्दिर भी दर्शन के लिए खोले जा चुके है.अब पितरों को मोक्ष दिलाने में भी परेशानी हो रही है.